अगर आप भी कराती हैं ब्रेस्टफीडिंग तो अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें

By Ek Baat Bata | Mar 27, 2020

माँ का बच्चे को दूध पिलाना  प्रकृति का नियम है। जब एक मां अपने बच्चे को दूध पिलाती है, तो मां और बच्चे का भावनात्मक रिश्ता जुड़ जाता है और उनका प्यार और अधिक गहरा हो जाता है। बच्चे को दूध पिलाने से बच्चा अनेक बीमारियों से लड़ सकता  है क्योंकि मां का पहला गाढ़ा दूध पीने से बच्चे को हर बीमारी से लड़ने के लिए शक्ति मिलती है। डॉक्टरों का भी कहना है, कि बच्चे को पहले 6 महीने तक मां का दूध ही पिलाना चाहिए। जिससे आगे भविष्य में वह बीमारियों से बच सके। परंतु कई बार मां के स्तनों से कम दूध उतरता है जिससे बच्चे का पेट नहीं भर पाता कई बार ऐसा भी होता है कि मां का दूध पतला हो जाता है, या बच्चा मां का अधिक दूध नहीं पीता है। इसका कारण यह भी हो सकता है कि मां का खानपान ठीक ना हो इसलिए बच्चे को दूध का स्वाद अच्छा नही लगता। अगर कोई भी मां अपने बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती है, तो उसको अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए आज हम बताएंगे अगर कोई भी मां बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराती है तो उसको कौन सा खाना खाना चाहिए जो सबसे अधिक फायदेमंद होगा-

1. मेथी-  खाने में काम आने के अलावा मेथी सबसे अच्छी औषधि मानी जाती है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 होता है, जो कि बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए सबसे बेहतर होता है। मेथी की चाय नई मां के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक मानी जाती है। मेथी का प्रयोग कई तरह से कर सकते हैं, जैसे कि सब्जी बनाने में, पूरी बनाने में रोटियों में डालकर। अगर आप नॉनवेज खाते हो तो इसको मांस के साथ भी पकाकर खाया जा सकता है। मेथी का सेवन करने से मां का दूध भी बढ़ता है। और उस दूध से बच्चे का विकास भली-भांति होता है।

2. सौंफ - सौंफ दूसरा ऐसा व्यंजन है जिससे मां का दूध बढ़ता है। और इससे शिशु का पेट- दर्द,पाचन प्रक्रिया और अन्य बीमारियां दूर होती है, क्योंकि माना जाता है , जिस प्रकार व्यस्क लोग सौंफ खाते हैं खाना खाने के बाद ताकि उनका पाचन सही रहे। और सौंफ अगर कोई भी मां खाती है तो स्तनों के दूध के द्वारा बच्चे तक सौंफ का असर पहुंच जाता है। और उसकी खुश्बू भी अच्छी होती है। इसलिए बच्चा दूध को खुश हो कर पीता है।

3. गाजर का जूस- गाजर के जूस में विटामिन ए होता है, जो कि माँ के दुग्ध उत्पादन में सहायक होता है। गाजर वैसे भी कई फायदे होते हैं। जैसे कि खून बढ़ना या सेहत को सही रखने में गाजर सबसे महत्वपूर्ण रोल निभाती है। अगर कोई माँ गाजर का जूस नहीं पीती है तो उसे सलाद, सूप के रूप में गाजर का सेवन जरूर करना चाहिए ।

4. दाले और दलहन- दाले भी किसी भी माता के लिए सबसे अच्छा भोजन होता है। खासकर की मसूर की दाल। यह माता के दूध बढ़ाने में बहुत सहायक होती है। साथ के साथ दाले प्रोटीन का भी मुख्य स्रोत होती हैं। जिससे सेहत अच्छी रहती है और बच्चे पर भी अच्छा असर  पड़ता है।

5. हाई फाइबर वाली सब्जियां- लौकी, तोरी, टिंडा यह सभी सब्जियां एक ही जैसी  सब्जियां मानी जाती है। पारंपरिक तौर पर माना जाता है, कि यह सब्जियां माताओं के दुग्ध उत्पादन में सबसे अधिक सहायता देती हैं। पुराने समय में भी इन्हीं सब्जियों को बिना ज्यादा मसाले के माताओं को खिलाया जाता था, ताकि उनकी सेहत सही रहे और बच्चे तक अच्छा दूध पहुंच सके।

6. हरी पत्तेदार सब्जियां- पत्तेदार सब्जियां, जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग बथुआ आदि कैल्शियम आयरन के सबसे अच्छे स्रोत माने जाते हैं। साथ ही साथ यह माँ के दूध को बढ़ाने में भी सहायता करते हैं। ऐसी सब्जियां खाने से बच्चे के दिमाग पर भी अच्छा असर पड़ता है। और कैल्शियम की पूर्ति होती रहती है। साथ के साथ आयरन भी भरपूर मात्रा में मिलता है। इसलिए इन सब्जियों का सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है।

7. लहसुन:- माता के दूध को बढ़ाने का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। अगर आप अधिक मात्रा में लहसुन का सेवन करते हैं। तो यह आपके दूध की मात्रा को और दुर्गंध को प्रभावित कर सकता है। यह देखा भी गया है कि की जिन माताओं ने लहसुन का सेवन किया है उनके बच्चों ने अधिक दूध का सेवन किया है।

8. मेवे- माना जाता है, कि सूखे मेवे दूध का पानी में भी सहायता देते हैं । और साथ ही साथ शरीर को भी मजबूत बनाते हैं इसलिए सूखे मेवे जसके बादाम काजू अखरोट आदि को पीसकर दूध में मिलाकर पिया जाए तो सेहत भी सही रहती है। और दूध का उत्पादन भी बढ़ता है। साथ ही साथ यह बच्चे को मजबूत भी बनाते हैं इसलिए सूखे मेवों का सेवन भी अच्छा माना जाता है।

9. जई, दलिया और खिचड़ी- जई, दलीया और खिचड़ी आदि आयरन, कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। जिससे दूध उत्पादन में सहायता मिलती है और साथ ही साथ यह हल्का खाना भी होता है। ताकि मां के शरीर को भी शक्ति मिलती रहे और कोई परेशानी भी ना हो इस खाने से बच्चे की सेहत पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

10. पानी जूस और दूध- माना जाता है कि माता जितने अधिक तरल पदार्थों का सेवन करेगी उतना ही दूध बनने में सहायता मिलेगी। इसलिए किसी भी माता को पानी, जूस और दूध का अधिक सेवन करना चाहिए। जूस पीने से सेहत भी अच्छी रहती है और पूरे विटामिंस भी मिलते हैं, इसलिए पानी, जूस, दूध जैसे तरल पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए।