अगर आपके परिवार में भी सास बहू में नहीं बनती है तो अपनाएं यह कुछ उपाय

By Ek Baat Bata | Jul 24, 2020

शादी के बाद पति पत्नी के अलावा जो दूसरा सबसे जरूरी रिश्ता होता है वह सास और बहू का माना जाता है।इन दोनों के रिश्ते पर ही सारे परिवार में सुख शांति होती है। असल में यह रिश्ता होता ही कुछ ऐसा है कि इसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं इसलिए दोनों तरफ के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपस में तालमेल बनाकर चलें और लड़की जब शादी के बाद बहू बनती है तो कोई भी नए रिश्ते बनने के लिए उसका यह पहला अनुभव होता है। लेकिन परेशानी तब ज्यादा हो जाती है जब सास भी पहली बार सास बनने जा रही हो। अलग-अलग शोध यह बताते है कि शादी के बाद लगभग 60% झगड़े और तनाव अकेले सास और बहू के बीच में होते हैं। इसे उम्र के बीच भारी अंतर कहे या जमाने की नई सोच का असर। अक्सर सास-बहू के बीच किसी ना किसी बात पर मनमुटाव हो ही जाता है।लेकिन अगर दोनों पक्ष समझदारी से काम ले तो सांस भी मां बेटे के प्यार भरे रिश्ते का रूप ले सकता है।

इन कुछ तरीकों से सास और बहू का रिश्ता संभल सकता है

1.सबसे पहला दोस्ती का हाथ बढ़ाएं 

जब भी किसी नए रिश्ते की शुरुआत होती है तो दूसरे हाथ से की जाए तो मैं मधुर बन जाता है और साथ ही सास इस बात को समझे कि वह आज के जमाने की लड़की है और बहू भी सच को स्वीकारें के सास उसकी मां की उमर की है ।सोच में अंतर होना स्वाभाविक है लेकिन किसी भी नए माहौल में ढालना हर किसी इंसान के लिए थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए दोनों को अपने-अपने स्तरों पर मन में पहले से यह बना लेना चाहिए कि इस नए रिश्ते की शुरुआत प्यार के साथ ही करनी है ।

2.दूसरा सास को भी अपनी मां समझे। माना कि शादी के बाद बहुत कुछ बदल जाता है लेकिन अगर आप सकारात्मक रवैया से शुरुआत करेंगे तो नए बनने वाले सभी रिश्ते मजबूत और मधुर बनेंगे ।इसके लिए सबसे आवश्यक यह बात है कि आप अपनी सास को भी अपनी सगी माँ  जितना प्यार सम्मान दें और बड़े बुजुर्गों को सम्मान के अलावा किसी चीज की अपेक्षा नहीं होती ।बच्चे को अगर नाना नानी से मिलाने लेकर जाते हैं तो दादी बाबा से मिलाने जरूर लेकर जाएं

3.सामने वाले का नजरिया समझिए

किसी मां के लिए यह स्वीकार करना बहुत मुश्किल होता है कि उनके बेटे की जिंदगी में कोई नई लड़की आ गई है। ऐसा विश्वास दिलाएं कि उनके बेटे के और उनके बीच कोई नहीं आएगा और उसे एहसास कराएं कि आपके जीवन में उनकी बहुत अहमियत है। उन्होने सारी दुनिया देखी है और जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं। उनके इस अनुभव का आदर करें और उनकी सलाह को माने क्योंकि यह सलाह आपको घर चलाने में बहुत काम आएगी ।छोटी-छोटी बातों में उनकी सलाह लेकर आप उन्हें मेहसूस करवा सकती हैं कि आपके जीवन में उनके अनुभव की कितनी कदर हैं।जब उन्हें यह सब दिखेगा कि आप उनके साथ समय बिताना चाहती तो उन्हें खुशी होगी और आपका रिश्ता पहले से गहरा हो जाएगा ।

4.रिश्तो को समय दे

रिश्ते पौधे की तरह नाजुक होते हैं जो समय के साथ ही बढ़ते और पनपते है। शादी के बाद ससुराल में हर रिश्ता नया होता है जरूरी नहीं कि सभी रिश्ते की शुरुआत खुशनुमा ही हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह रिश्ता कभी अच्छा नहीं बन पाएगा ।सभी रिश्तो को परिपक्व होने में समय लगता है इसलिए किसी भी रिश्ते को उतना वक्त जरूर दें। अगर इस मामले में जल्दबाजी नहीं करेंगे सबके दिलों में आपके लिए जल्द ही जगह बन जाएगी।शादी से पहले आपका जो मर्जी रूटीन हो लेकिन शादी के बाद उसमें बदलाव आ जाता है। लेकिन छुट्टी के दिन आप अपनी सास के लिए एक घंटा जरूर निकालें, उनके साथ समय व्यतीत करें बच्चों को दादा दादी के साथ समय बिताने दे। सास बहू में कभी नोकझोंक ना हो इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को तो दादी के पास जाने से ना रोके क्योंकि मनमुटाव कुछ समय के बाद खत्म हो जाता है लेकिन उस समय किया गया हमारा व्यवहार हमेशा याद रहता है।

आगे है कि गलतफहमी को ना पनपने दें

जब रिश्ते बनते हैं तो अक्सर कुछ गलतफहमियां भी हो जाती हैं।एक लड़की का अपने पति के बाद ससुराल में सिर्फ सास से ही ज्यादा वास्ता होता है। इसलिए बेहतर होगा कि किसी भी गलतफहमी की स्थिति में आप अपने सास से बात करें, साथ ही आप उन पर भरोसा करें तभी वह आप पर भरोसा करेंगी और आप परिवार को जिम्मेदारी और अच्छी तरह से संभाल पाएंगी। तालमेल बैठाना थोड़ा मुश्किल तो होता है लेकिन असंभव नहीं है बस जरूरत है तो खुले दिल और दिमाग के साथ इस रिश्ते को स्वीकार करने की यकीन। यह मान के चलिए कि आपका एक छोटा सा प्रयास आपको ससुराल की सबकी पसंदीदा लाडली बना देगा।