<![CDATA[Women Health, Beauty Tips in Hindi, Recipes in Hindi, Parenting Tips]]> https://www.ekbaatbata.com/ <![CDATA[Parenting Tips: बच्चे का खुद से बातें करना उनके व्यक्तित्व पर डालता है ऐसा असर, जानिए इसके फायदे]]> हम में से बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो मुश्किल समय में खुद से बातें करते हैं। वहीं कई बच्चे भी खुद से बातें करते हैं। लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि क्या खुद से कुछ कहकर खुद ही उसका उत्तर देना सामान्य है। अगर आपके मन में भी यह सवाल आता है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। शोधकर्ताओं की मानें, तो इंटेलिजेंस और बच्चों का खुद से बात करना दोनों का आपस में गहरा संबंध होता है। खुद से बात करना किसी भी बच्चे के भाषायी विकास में काफी योगदान करता है। साथ ही यह आदत बच्चे के व्यवहार को भी विकसित करता है। 

आत्मसंवाद कौशल
जो बच्चे खुद से संवाद करते हैं, तो बता दें कि इसके उन्हें कई लाभ मिलते हैं। यह बच्चे में आत्मसंवाद कौशल को विकसित करने का काम करता है। जो बच्चे में स्वतंत्रता और स्वाधीनता की भावना को विकसित करता है। साथ ही खुद से बात करने से बच्चे के सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है। वह अपनी परेशानियों व विपरीत परिस्थितियों को खुद से हल करना सीखते हैं। यह आदत भविष्य में मददगार साबित हो सकता है।

अभिव्यक्ति की क्षमता
खुद से बात करने वाले बच्चे अपने विचारों को सही तरीके से व्यक्त कर पाते हैं। साथ ही वह अपने विचारों को मन में बोलकर उसे सरल शब्दों में कहना सीखते हैं। वहीं वह स्वतंत्र तरीके से अपने विचारों को रखना भी सीखते हैं। किसी भी बच्चे का खुद से बात करना उनको एक मिलनसार व्यक्ति बनाता है। इसका अर्थ होता है कि भविष्य में बच्चा किसी भी व्यक्ति से बिना डरे आसानी से बात कर सकते हैं।

खुद पर कंट्रोल
जो बच्चे खुद से बातें करते हैं, उनका अपने आप पर कंट्रोल होता है। साथ ही वह विषय के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायता मिलती है और सोच को नई दिशा मिलती है। जब वह अपने विचारों और भावनाओं को स्वयं से साझा करते हैं, तो वह पहले खुद उस बात को समझने का प्रयास करते हैं। उसके बाद वह अन्य लोगों से अपनी बात कहते हैं। खुद से बात करना बच्चे को अपने लक्ष्यों को सही दिशा में रखने और प्रभावी रूप से उन लक्ष्यों को पाने के लिए काम करने में मदद करता है।
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Fri, 22 Mar 2024 14:42:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/child-talking-to-himself-such-an-impact-on-his-personality-know-its-benefits-390170
<![CDATA[Parenting Tips: बच्चे के जिद्दी स्वभाव से हो गए हैं परेशान तो अपनाएं ये टिप्स, हैंडल करने में होगी आसानी]]> बच्चे जब छोटे होते हैं, तो वह अक्सर अपनी पसंद की चीज पाने के लिए जिद करने लगते हैं। यह हर बच्चे के विकास का एक स्वाभाविक हिस्सा होता है। जहां बच्चे अपनी भावनाओं और इच्छाओं को व्यक्त करने के नए तरीके खोज रहे होते हैं। वह अपनी बातों को मनवाने के लिए जिद का सहारा लेते हैं। कई बार जिद पूरी न होने के वजह से बाजार में जमीन पर लेट जाते हैं। या पेरेंट्स पर ही हाथ उठा देते हैं। ऐसे में माता-पिता के लिए बच्चे को संभालना बड़ी चुनौती बन जाती है। ऐसे में पेरेंट्स को यह नहीं समझ आता है कि वह बच्चे को कैसे संभाले और शांत करें। तो आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से बच्चों की इस बुरी आदतों को कैसे छुड़ाएं।

आज हम आपको कुछ ऐसे पेरेंटिंग टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप जिद्दी बच्चे की बदतमीजी को आसानी से छुड़ा पाएंगे। साथ ही आप उनकी जिद के सामने झुकने से बच जाएंगे। इन टिप्स की मदद से बच्चे के व्यवहार को पॉजिटिव दिशा में मोड़ सकते हैं।

शांत रहें
जब भी बच्चा जिद या गुस्सा दिखाए, तो पहले खुद को शांत रखें। जब आप शांत रहेंगे तो बच्चे को भी शांत करने में मदद मिलेगी।

ध्यान से सुनें बातें
पेरेंट्स को बच्चे की बात ध्यान से सुननी चाहिए। बच्चे को यह एहसास होना चाहिए कि आप उनकी बात को अच्छे से समझ रहे हैं।

अपनी बात रखें
जब बच्चा अपनी बात आपके सामने रखे, तो उसे समझाएं कि क्या उनके लिए सही है और क्या गलत है। साथ ही बच्चे की भावनाओं को समझने का प्रयास करें।

प्रोत्साहन
पेरेंट्स को बच्चे के अच्छे व्यवहार की प्रशंसा करनी चाहिए। जिससे वह अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे।

नियम बनाएं
बच्चों के लिए स्पष्ट और समझने योग्य नियम बनाने चाहिए। पेरेंट्स को बच्चों को समझाना चाहिए कि क्या उम्मीदें और उनका पालन करना क्यों जरूरी है।

संयम रखें
बता दें कि बच्चों को समझने और उनकी आदतों में सुधार लाने में समय लगता है। ऐसे पेरेंट्स को सब्र रखने के साथ ही लगातार प्रयासरत रहना चाहिए।
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Tue, 05 Mar 2024 14:50:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/troubled-by-your-child-stubborn-nature-then-follow-these-tips-easy-to-handle-387402
<![CDATA[Parenting Tips: बच्चे को कामयाब बनाने के लिए पेरेंट्स को अपनानी चाहिए ये आदतें, बढ़ेगा आत्मविश्वास]]> किसी भी पेरेंट्स के लिए सबसे जरूरी काम अपने बच्चे को सही परवरिश देना होता है। हांलाकि बच्चों का पालन-पोषण इतना भी आसान काम नहीं होता है। हर पेरेंट्स अपने बच्चे को कामयाब होता देखना चाहते हैं। वहीं बच्चों की कामयाबी में बच्चे की अहम भूमिका होती है। ऐसे में आपका बच्चा कामयाब हो और जीवन में कुछ बेहतर कर पाए, इसके लिए पेरेंट्स का बर्ताव भी काफी मायने रखता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि पेरेंट्स को अपने बच्चे के साथ किस तरह का बर्ताव करना चाहिए।

बच्चे की भावना समझें
किसी भी बच्चे की भावनाओं को समझना पेरेंट्स के लिए काफी जरूरी होता है। फिर चाहे बच्चा रोए या हंसे। यदि पेरेंट्स उनकी हर भावना की कद्र करेंगे तो ऐसा करने से बच्चे खुद को स्पेशल समझेंगे। इससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप पर उनका विश्वास भी बढ़ेगा। 

बच्चे से जताएं प्यार
पेरेंट्स का सॉफ्ट नेचर बच्चों के लिए काफी ज्यादा जरूरी होता है। पेरेंट्स को बच्चों के सामने कोई ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए, जिससे कि उनके ऊपर नकारात्मक असर पड़े। पेरेंट्स को बच्चों से प्यार जताना चाहिए। इसके लिए आप कई तरीके अपना सकते हैं।

बच्चों को सुनें
आमतौर पर पेरेंट्स बच्चे की बात को बिना सुने व समझे फैसले लेने लगते हैं। ऐसा करने से बच्चा का आत्मविश्वास कम होने लगता है। इसलिए हर माता-पिता के लिए अपने बच्चे को सुनना और समझना बेहद जरूरी है। 

बच्चे की तारीफ
बच्चों को गलत काम के लिए डांटना जायज है, लेकिन उनके साथ हमेशा ऐसा नहीं करना चाहिए। लेकिन अगर आप हमेशा बच्चे के साथ ऐसा करेंगे तो उनका सेल्फ कॉन्फिडेंस लो हो जाता है। इसलिए बच्चों की तारीफ करनी चाहिए। आप चाहें तो छोटी-छोटी चीजों के लिए भी बच्चे की तारीफ कर सकते हैं।

साथ बैठकर खाएं खाना
हर पेरेंट्स के लिए य़ह जरूरी होता है आप साथ में बैठकर बच्चों के साथ खाना खाएं। ऐसा करने से माता-पिता और बच्चे के बीच बॉन्ड बनता है। दोनों के बीच में दोस्ती वाला रिश्ता बन जाता है। 
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Sat, 20 Jan 2024 20:47:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/parents-adopt-these-habits-to-make-their-child-successful-self-confidence-increase-380791
<![CDATA[Child Care: पेरेंट्स को नहीं करनी चाहिए ऐसी गलतियां, वरना बच्चे की परवरिश पर पड़ सकता है बुरा असर]]> हर पेरेंट्स अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश करना चाहते हैं। इसके लिए पेरेंट्स कई तरह की समस्याओं का भी सामना करते हैं। पेरेंट्स अपने बच्चों को अच्छी परवरिश व अच्छी शिक्षा देने के लिए महंगे स्कूल में पढ़ाते हैं। फिर चाहे उन स्कूलों की फीस कितनी भी हो। वहीं आज हम आपको आपको बताने वाले हैं कि बतौर पेरेंट्स आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जिससे की आपके बच्चे की परवरिश में किसी तरह की कोई कमी न रह जाए।

प्यार से करें बात
बच्चे अपने आसपास जो भी देखते व सुनते हैं उसको वह बहुत जल्दी सीख जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे के सामने हमेशा अच्छे से बात करें। क्योंकि जब वह आपको हमेशा विनम्र और बिना गुस्से के देखेगा। तो काफी चांस हैं कि बड़े होने पर उनके भी एंगर इश्यू काफी कम हों।

हर जिद न करें पूरी
कई बार पेरेंट्स अपने बच्चे की हर जिद पूरी करते हैं। यह पेरेंट्ंस के प्यार दिखाने का एक तरीका भी हो सकता है। लेकिन आपकी इस आदत से बच्चा जिद्दी हो जाएगा। साथ ही अगर आप उनको हर मांगी हुई चीज फौरन लाकर देंगे, तो वह उसकी वैल्यू नहीं समझ पाएंगे। साथ ही ऐसा करने से मेहनत उनके स्वभाव का हिस्सा नहीं बन पाएगा।

कभी न करें कंपेयर
कई बार पेरेंट्स जानकर या अनजाने में अन्य बच्चों से अपने बच्चे की तुलना कर बैठते हैं। लेकिन इसका आपके बच्चे के दिमाग पर गलत असर पड़ सकता है। ऐसा करने से बच्चे का सेल्फ कॉन्फिडेंस गिर सकता है। इसलिए हर छोटी से छोटी कामयाबी के लिए बच्चे की सराहना करनी चाहिए। पेरेंट्स द्वारा ऐसा करने से बच्चे का पॉजिटिव एटिड्यूड डेवलप होता है।
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Tue, 16 Jan 2024 17:12:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/parents-not-make-such-mistakes-otherwise-it-negative-impact-on-upbringing-of-child-380073
<![CDATA[Parenting Advice: बच्चों के बिहेवियर में नजर आएं ये बदलाव तो पेरेंट्स को हो जाना चाहिए सतर्क, स्पेशल अटेंशन की है जरूरत]]> हर पेरेंट्स अपने बच्चे को अच्छी परवरिश देने की कोशिश करता है। लेकिन कई बार बच्चे जब धीरे-धीरे बड़े होते जाते हैं, तो उनके व्यवहार में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। कई बार माता-पिता इन बदलावों को नजरअंदाज कर देते हैं। तो वहीं बच्चे कई बार पेरेंट्स की अटेंशन पाने के लिए भी ऐसा करते हैं। हांलाकि बच्चों की तरफ से मिलने वाले संकेतों पर यदि ध्यान दिया जाए तो उनकी परवरिश बेहतर हो जाती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ स्पेशल चाइल्ड केयर टिप्स बताने जा रहे हैं। जिनको फॉलो कर आप बच्चों को खुश बना सकते हैं।

टेंशन में तो नहीं बच्चा
कई बार छोटे बच्चे टेंशन में रहने लगते हैं। लेकिन यह पेरेंट्स का अटेंशन पाने का एक संकेत होता है। ऐसे में पेरेंट्स से अटेंशन नहीं मिल पाने पर वह न मन से खेल पाते हैं और ना ही कोई अन्य काम कर पाते हैं। इसके साथ ही वह दोस्तों के साथ रहना भी कम कर देते हैं। ऐसे में इन संकेतों को अनदेखा करने से बचना चाहिए।

समय बिताएं
कई पेरेंट्स की लाइफस्टाइल काफी बिजी होती है, जिसके कारण वह बच्चे के साथ समय नहीं बिता पाते हैं। ऐसे में बच्चे पेरेंट्स का अटेंशन पाने के लिए उनके करीब आने का प्रयास करते हैं। इस तरह के संकेत मिलने पर पेरेंट्स को समझ जाना चाहिए कि आपका लाडला आपके साथ समय बिताना चाहता है।

बच्चे को दें स्पेशल ट्रीटमेंट
कई बार जब माता-पिता बच्चे के साथ पर्याप्त समय नहीं बिताते हैं। तो बच्चों को लगता है कि उनको पेरेंट्स से प्यार नहीं मिल रहा है। ऐसे में अन्य बच्चों से जलन की भावना रखने लगते हैं। इसलिए आप उन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट देकर बच्चे की इस समस्या को दूर कर सकते हैं।

गुस्सा और चिड़चिड़ापन
कई बार माता-पिता से अटेंशन न मिल पाने के कारण बच्चे चिड़चिड़े व जिद्दी हो जाते हैं। ऐसे में बच्चे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा व जिद करते हैं। इन संकेतों के मिलते ही बच्चे का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। वहीं पेरेंट्स को उनके साथ समय बिताकर उन्हें मेंटली मजबूत बनाना चाहिए।

इमोशनल होना
कुछ बच्चे छोटी-छोटी बातों पर रोने लगते हैं या इमोशनल हो जाते हैं। तो बता दें कि वह पेरेंट्स का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए ऐसा करते हैं। ऐसे में पेरेंट्स बच्चे को स्पेशल फील करवाएं और उनको खुश करने का प्रयास कर सकते हैं।
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Tue, 02 Jan 2024 11:44:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/changes-seen-in-behavior-of-children-then-parents-alert-special-attention-needed-377657
<![CDATA[Parenting Tips: बच्चों को हद से ज्यादा आज्ञाकारी बनाना नहीं है सही, हर पेरेंट्स को जरूर सिखानी चाहिए ये बातें]]> हर पेरेंट्स अपने बच्चे को आज्ञाकारी बनाना चाहते हैं। पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे घर के सदस्यों से लेकर बाहर तक के लोगों का सम्मान करें। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि बच्चे का ज्यादा आज्ञाकारी होना भी सही नहीं है, तो शायद आपको यह थोड़ा सा अजीब लगे। लेकिन आज के समय को देखते हुए बच्चों के बच्चों की परवरिश करने के तरीके में थोड़ा बदलाव लाना बहुत जरूरी है। हांलाकि कई बार पेरेंट्स बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के चक्कर में उन पर जरूरत से ज्यादा प्रेशर डालते हैं, जिसके कारण बच्चे का कॉन्फिडेंस लो हो सकता है।

पेरेंट्स को अपने बच्चों को आज्ञाकारी बनाने के लिए कुछ बातों को जरूर सिखाना चाहिए। जिससे कि आपकी गैरमौजूदगी में भी बच्चा मजबूत रहे। क्योंकि कॉम्पटीशन का दौर देखकर सीधे बच्चे अक्सर पिछड़ जाते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि आज के समय में बच्चों को कौन सी बातें सिखाना जरूरी होता है।

बच्चों को न कहना सिखाएं
बच्चे को आज्ञाकारी बनाना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें न कहना भी सिखाएं। क्योंकि जिंदगी में कई ऐसी चीजें होती हैं, जिनके लिए न कहना जरूरी होता है। इससे आपका बच्चा पूरे कॉन्फिडेंस के साथ गलत बात पर बिना डरे मना करने में सक्षम बनेगा।

आंख मिलाकर बात करना सिखाएं
अगर आपका बच्चा किसी से आंख मिलाकर बात करता है, तो इसका मतलब यह नहीं होता है कि वह बदतमीज है। बल्कि बतौर पेरेंट्स बच्चे को सिखाएं कि वह पूरी स्पष्टता के साथ नजरें मिलाकर अपनी बात लोगों के सामने रखे। इससे बच्चे के अंदर खुद के लिए स्टैंड लेने का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

मेलजोल से न डरें
पेरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चे को बचपन से ही थोड़ी सोशल चीजें सिखाएं। जिससे कि वह लोगों से मेलजोल करने से न डरें। इस आदत से बच्चे न सिर्फ स्कूल बल्कि कॉलेज और ऑफिस आदि की छोटी-छोटी बातों से परेशान नहीं होंगे।

लोग क्या कहेंगे
हर पेरेंट्स को अपने बच्चे को यह जरूर सिखाना चाहिए कि उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे या क्या कहेंगे। बच्चे को वह करना सिखाएं जो असल में सही है। इससे आपका बच्चा मजबूत बनेगा। ऐसे में वह आपके साथ अच्छी व बुरी दोनों तरह की बातों को शेयर करेगा। क्योंकि वह जानता होगा कि असल में उसके पेरेंट्स उसके साथ हैं।
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Sat, 23 Dec 2023 10:21:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/not-right-to-make-children-excessively-obedient-every-parent-teach-these-things-376328
<![CDATA[Winter Baby Care: सर्दियों में इस तरह से रखें बच्चों का ख्याल, बार-बार बीमार नहीं पड़ेंगे बच्चे]]> सर्दियों के मौसम में बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है। बच्चे सर्दियों में खांसी-जुकाम और बुखार जैसी समस्याओं का जल्दी शिकार हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए बच्चों का ख्याल रखना चुनौतिपूर्ण कार्य हो जाता है। क्योंकि ठंड के मौसम में बच्चे को सर्दी से बचाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके साथ कुछ आसान टिप्स शेयर करने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आप अपने नन्हे मुन्हें बच्चे को बीमारियों से बचाकर रख सकते हैं। 

बच्चे को दिखाएं धूप
सर्दियों के मौसम में बच्चों को सुबह के समय धूप जरूर दिखाएं। सुबह की सूर्य किरणें सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। लेकिन धूप में उन्हें बिठाने के साथ ही ठंडे कपड़ों से जरूर ढककर रखें।  

ठंड के कपड़ें जरूर पहनाएं
सर्दियों के मौसम में बच्चे को ठंडी हवा से बचाने के लिए उन्हें गर्म कपड़े पहनाकर रखें। सर्दी के मौसम में बच्चों को विशेषकर ऊनी और गर्म कपड़े पहनें। जिससे कि वह ठंड के मौसम में सुरक्षित रह सकें। 

हेल्दी डाइट है जरूरी
ठंड के मौसम में बच्चों को हेल्दी डाइट और गरम पदार्थ खाने के लिए दें। आप गरम आहार में बच्चों को सूप, अदरक वाली चाय और दाल खाने के लिए दें। इससे वह हेल्दी रहेंगे। 

सर्द हवा से बचाएं
ठंड के मौसम में भी बच्चे खेलने-कूदने में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में उन्हें सर्दी लगने की अधिक संभावना होती है। ऐसे में बच्चे को ठंडी हवा से बचाकर रखें। 

हाथ-पैरों की करें देखभाल
सर्दियों में बच्चों के हाथ-पैर ठंडे पानी से धोकर उन्हें अच्छे से सुखाएं। क्योंकि हाथ-पैर गीले रखने पर उनको सर्दी लग सकती है। जिससे कि आपका बच्चा ठंड में बीमार न पड़े।

हाइजीन का रखें ख्याल
बच्चों की सेहत के साथ ही उनकी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि जब बच्चे की हाइजीन का अच्छा ख्याल रखेंगे तो वह सर्दी-खांसी जैसी समस्या से बच सकेंगे।

टीकाकरण है जरूरी
ठंडी मौसम में सामान्य बीमारियों से बचाव के लिए बच्चों का टीकाकरण बेहद जरूरी है। ऐसे में समय पर सभी जरूरी टीके अवश्य लगवाएं।
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Mon, 18 Dec 2023 11:10:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/take-care-of-children-in-this-way-in-winter-children-not-fall-ill-again-and-again-375629
<![CDATA[Baby Care Tips: सर्दी के मौसम में प्री मैच्योर बेबी का ऐसे रखें ख्याल, ये टिप्स आएंगे बड़े काम]]> गर्भ में 9 महीने रहने के बाद जब डिलीवरी होती है, तो उस दौरान बच्चे को स्वस्थ माना जाता है। लेकिन जब बच्चा 9 महीने से पहले जन्म लेता है तो उसे एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। ऐसे  बच्चों को प्री-मैच्योर बेबी कहा जाता है।
 
बता दें कि 9 महीने से पहले डिलीवरी होने के कारण बच्चे के शरीर का पूरा विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में इनको ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। बदलते मौसम में प्री मैच्योर बच्चे का खास ख्याल रखना पड़ता है। उनकी देखभाल में विशेष सावधानी बरती होती है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्री मैच्योर बच्चे की किस तरह से देखभाल करनी चाहिए। 

ऐसे करें प्रीमैच्योर बच्चे की देखभाल

बच्चे को गर्म रखें
सर्दी के मौसम में प्री मैच्योर बच्चे को गर्म रखना बेहद जरूरी होता है। प्री मैच्योर बेबी के शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। ऐसे में आप उन्हें गर्म कपड़े पहनाकर रखें। बच्चे को ढेर सारे कपड़े न पहनाकर सिर्फ एक मोटा ऊनी कपड़ा पहनाएं। इसके अलावा आप बेबी को टोपी, दस्ताने और मोजे भी पहना सकती हैं। बेबी को किसी गर्म कंबल या फिर स्वेटर में लपेट कर रखें। वहीं एक हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल के पास बच्चे को रखें। 

नियमित रूप से पिलाएं दूध
कम दिनों के बच्चों को प्रतिदिन नियमित रूप से दूध पिलाना चाहिए। प्री-मैच्योर शिशुओं की भूख अधिक हो सकती है, इसलिए उसे समय-समय पर दूध पिलाते रहना चाहिए। मां के दूध से बच्चा अत्यधिक पोषित होता है और वह हमेशा स्वस्थ रहता है।   

बच्चे को धूप में रखें
बच्चे को प्रतिदिन धूप दिखाने से विटामिन डी मिलता है। यह बच्चे के विकास के लिए अत्यधिक जरूरी होता है। बच्चे को धूप दिखाते समय इस बात का अधिक ध्यान दें कि आपका बच्चा सीधे धूप में न हो। आइए जानते हैं बच्चे को धूप में रखने के लिए कुछ निम्नलिखित उपाय:

बच्चे को सुबह या शाम प्रतिदिन धूप में रखना चाहिए। धूप दिखाते समय बच्चे को धूप की सीध में नहीं रखना चाहिए, बल्कि अपने बच्चे को एक छाता या छतरी के नीचे रखें। बच्चे को धूप से निकलने वाली तेज किरणों से बचाने के लिए बच्चे को क्रीम या लोशन लगाएं।
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Tue, 12 Dec 2023 18:29:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/take-care-of-premature-baby-like-this-in-winter-season-these-tips-very-useful-374928
<![CDATA[Parenting Tips: पेरेंट्स और बच्चों के बीच दरार डाल सकता है मोबाइल, इन आदतों में आज ही करें सुधार]]> आजकल के पेरेंट्स के लिए बच्चों को संभालना और अच्छी परवरिश देना काफी चुनौतीपूर्ण बन गया है। हांलाकि हर पेरेंट्स अपना बेस्ट देते हैं, अच्छी शिक्षा, महंगे कपड़े और महंगे तोहफे लाकर देते हैं। पैसे के बल पर पेरेंट्स अपने बच्चों को तमाम तरह की सुविधाएं देते हैं। लेकिन कई बार पेरेंट्स पैसे कमाने की होड़ में वह बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं।
 
वहीं बिजी शेड्यूल होने की वजह से भी बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। वहीं इन आदतों में एक आदत जो सबसे कॉमन है, वह है लगातार फोन का इस्तेमाल करना है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से फोन का इस्तेमाल आपको बच्चे से दूर कर सकता है। 

ऐसे बढ़ाता है दूरी
ज्यादातर समय हम सभी फोन पर बिताते हैं। लेकिन हमें मोबाइल का इस्तेमाल तभी करना चाहिए, जब इसकी जरूरत हो। क्योंकि जब बच्चे आपके साथ समय बिताते हैं, या आपका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, तो अधिकतर पेरेंट्स बच्चे पर चिल्ला देते हैं। ऐसे में जब आप बच्चे पर चिल्लाते हैं, तो वह डर जाते हैं और दोबारा आपके पास आने से कतराते हैं। आपके इस बिहेवियर से बच्चे गुमसुम हो सकते हैं या फिर अन्य गलत कार्यों में लिप्त हो सकते हैं। साथ ही वह आपसे कोई बात शेयर करने से डरेंगे। 

बच्चों को मोबाइल की लत
इसके अलावा कुछ पेरेंट्स बच्चों को मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए देते हैं। ताकि पेरेंट्स अपना काम आसानी से कर सकें और बच्चे भी व्यस्त रह सकें। लेकिन यह एक गंभीर समस्या है। इस तरह से बच्चे मोबाइल एडिक्ट हो जाते हैं। क्योंकि बच्चों को वीडियो गेम्स, यूट्यूब, मोबाइल, सोशल मीडिया आदि की लत लग जाती है।
 
ऐसे में हम बच्चों के मोबाइल देखने की सीमा भी तय नहीं करते हैं। जिसका भुगतान हमें भविष्य में तय करना पड़ता है। मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से आपका बच्चा कई तरह के मानसिक और शारीरिक समस्या से पीड़ित हो सकता है और वह पेरेंट्स से भी दूर होता जाता है।

कैसे कम करें मोबाइल का असर
मोबाइल के बिना आजकल का जीवन काफी कठिन है। इसलिए हम न चाहते हुए भी मोबाइल उठा लेते हैं। लेकिन आपको मोबाइल का इस्तेमाल करने के मामले में संतुलन बनाने की जरूरत होती है। 
दिन भर में 1 घंटा बच्चों के साथ जरूर बिताएं।
बच्चों से बातें करें, उनके अनुभवों को सुनें और उन्हें अपने अनुभवों के बारे में बताएं।
आप चाहें तो बच्चे के साथ किसी एक्टिविटी में हिस्सा ले सकते हैं।
बच्चे के साथ पार्क या फिर अन्य स्थान पर समय बिताएं।
सोने से पहले बच्चे को एफरमेशन बोलने की आदत डालें।
बच्चे के सामने कम से कम मोबाइल का इस्तेमाल करें। 
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Fri, 01 Dec 2023 18:04:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/mobile-create-rift-between-parents-and-children-improve-these-habits-today-itself-373613
<![CDATA[Parenting Tips: इन तरीकों को अपनाकर बच्चे को सिखाएं चीजों की कद्र करना, परवरिश की तारीफ करेंगे लोग]]> बच्चे का कोमल मन कच्ची मिट्टी की तरह होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बच्चा अपने आसपास जैसी चीजों को होता देखता है, वह अपने अंदर वैसा ही व्यवहार शामिल करता है। इस तरह की स्थिति में बच्चे को कुछ गलत करता देख डांट देना या झिड़क देना पूरी तरह से गलत होता है। अगर हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा अच्छा व्यवहार करे तो आप उनको यह बता कर नहीं बल्कि उन्हें करके दिखाएं। समय रहते बच्चे को छोटी-छोटी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाएं। जिससे कि आपका बच्चा अपनी चीजों की कद्र करना सीखे। 

वहीं थोड़ा बड़े होने पर बच्चे को सही गलत में पहचान करना सिखाना चाहिए। क्योंकि बच्चों की परवरिश बहुत नाजुक काम होती है। छोटी सी गलती बच्चे के मन में नकारात्मक असर डालती है। ऐसे में आप बच्चे के दोस्त बन उसे अच्छे से कई सारी चीजें समझा व बता सकते हैं। 

अपनी आदतों पर दें ध्यान
अक्सर जल्दबाजी में हम सभी अपनी चीजों को रखकर ऐसे ही छोड़ देते हैं कि घर वापस आकर चीजों को सही रख देंगे। लेकिन जब बाहर से हम घर आते हैं, तो हम इतने ज्यादा थके होते हैं कि उन चीजों के बारे में भूल जाते हैं। ऐसे में हमारा यह रवैया बच्चे भी अपनाते हैं और यह उनको लापरवाह बनाता है। 

चीज़ों की अहमियत
सबसे पहले बच्चों से पूछे कि उनके लिए किताबें और खिलौने कितनी अहमियत रखते हैं। ऐसे में बच्चा आपको खुद अपने शब्दों में बताएंगे कि वह चीज उनके लिए इतनी खास क्यों हैं। ऐसे में आप यह जवाब सुनने के बाद बच्चे को बताएं कि अगर वह अपनी चीजों से इतना प्यार करते हैं, तो उनको अच्छे से सही जगह पर रखना सीखें।

समाज के बारे में बताएं
बतौर पेरेंट्स आप बच्चे को समझाएं कि अगर वह चीजों को सही से रखेंगी तो वह अच्छे से और लंब समय तक उन चीजों को इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके अलावा यह भी बताएं कि आपके आसपास कई सारे ऐसे लोग होते हैं, जो इन सारी चीजों को लेने में असमर्थ होते हैं। इसलिए वह अपनी चीजों का अच्छे से ख्याल रखें। साथ ही बच्चे को यह भी समझाएं कि अगर उनके पास कोई ऐसी चीजें हैं, जो दूसरे बच्चे लेने में असमर्थ हैं तो वह उनमें बांट दें। इससे बच्चे के मन में दयालुता का भाव पैदा होगा।

खेल खेल में प्रोत्साहन
आप खेल-खेल में भी बच्चों को कई सारी बातें सिखा सकते हैं। आप बच्चों को टास्क दें कि वह अपनी चीजों को जितनी अच्छे से संभाल कर रखेंगे, उनको उतने ही प्वाइंट्स मिलेंगे। बच्चों को एक निश्चित मात्रा में पॉइंट्स मिलने के बाद उनके स्कूल और उनकी जरुरत से जुडी चीज़ें भी ला कर दी जाएंगी। इस दौरान आप बच्चों को पानी की बोतल, फ्रूट बॉक्स, लंच बॉक्स और पेंसिल बॉक्स आदि ले सकते हैं। साथ ही बच्चे को उन चीजों को संभालकर रखने के लिए समझाएं।
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Mon, 20 Nov 2023 16:52:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/teach-your-child-to-value-things-by-adopting-these-methods-people-appreciate-your-parenting-372238
<![CDATA[Bad Habits of Parents: बच्चा सीख रहा गलत आदतें तो कहीं यह तो नहीं उसकी वजह, पेरेंट्स को समय रहते सुधार लेनी चाहिए ये आदतें]]> छोटे बच्चों की पहली पाठशाला उनका अपना घर होता है। जब तक बच्चे समझदार नहीं हो जाते हैं, तब तक वह घर परिवार के सदस्यों व मां-बाप को देखकर सब सीखते हैं। हर बच्चे के लिए पहले रोल मॉडल उनके माता-पिता ही होते हैं। हांलाकि हर पेरेंट्स की चाहत होती है कि उनके बच्चे की परवरिश में कोई कमी ना रह जाए।
 
वहीं बच्चे अपने माता-पिता की नकल करते हैं और उनकी तरह बात करते है। इसलिए हमेशा बच्चों के सामने कुछ भी बोलने व करने से पहले 10 बार जरूर सोचना चाहिए। बच्चों की परवरिश के दौरान बच्चों के सामने यह 5 चीजें बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।  

अनहेल्दी रूटीन
अगर आप बतौर पेरेंट्स देर तक सोते हैं और रात को देर तक जागते हैं। तो यह रूटीन आपका बच्चा भी फॉलो करेगा। ऐसे में आप अपने बच्चे से सही रुटीन फॉलो किए जाने की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए। इसलिए बच्चे को रुटीन सिखाने से पहले खुद भी उस रुटीन को अच्छे से फॉलो करें।

गुस्सा करना
बेवजह गुस्सा करना, चिल्लाना, या फिर बच्चे को हर समय डांटना आपके बच्चे पर बुरा असर डाल सकता है। वहीं बाद में आपकी इन्हीं आदतों को बच्चा भी फॉलो करने की कोशिश करेगा। ऐसा भी हो सकता है कि बच्चा धीरे-धीरे आपको जवाब देना सीख जाए। इसलिए प्रयास करें कि बच्चे के सामने अच्छे और नम्र लहजे का इस्तेमाल करें।

साफ-सफाई
आइडियल पैरेंट्स होने के नाते आपको अपने खुद और अपने घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इससे आपका बच्चा भी साफ-सफाई की अच्छी आदतें सीखेगा। 

नशे की आदत
हांलाकि हर किसी को नशे की आदत से दूर रहना चाहिए। लेकिन अगर आपको भी नशे की आदत है, तो उसे छोड़ने का प्रयास करें। क्योंकि बच्चे के सामने एल्कोहल या फिर सिगरेट का सेवन करने से बच्चा भी यह सब सीखेगा। 

झूठ बोलना
सारी आदतों में से झूठ बोलना और बात छुपाने की आदत सबसे खतरनाक और बुरी होती है. बच्चा आपकी इस आदत को सबसे पहले और सबसे तेजी से सीख सकता हैं. साथ ही इससे उसकी आपके प्रति विश्वास प्रभावित हो सकती हैं. इसलिए उनके सामने झूठ बोलने से परहेज करें।
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Sat, 11 Nov 2023 15:35:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/child-learning-wrong-habits-this-reason-for-it-parents-correct-these-habits-in-time-370972
<![CDATA[Mental Health: बच्चे भी होते हैं मानसिक अवसाद के शिकार, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीके]]> अगर खराब मेंटल हेल्थ के लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो ऐसे मामलों में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी के बारे में आज भी लोगों को पूरी तरह से जानकारी नहीं हैं और लोग इसके बारे में एक दूसरे से खुलकर बातें भी नहीं करते हैं। अकेलापन, स्ट्रेस, मूड में बदलाव आदि इस बीमारी के लक्षण हैं।
 
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह एक बहुत गम्भीर समस्या है। ज्यादातर 14 से 18 साल के बच्चों में यह समस्या देखने को मिल रही है। टीनएज उम्र में बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इसी बीच उन बच्चों को बहुत सी नई चीजें सीखने को मिलतीं हैं। जिससे उनको कई बार बड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। इसलिए इस उम्र अगर ये लक्षण दिखाई देते हैं तो उनको इग्नोर नहीं करना चाहिए। 

आजकल अधिकतर घरों में पति-पत्नी दोनों ही वर्किंग होते हैं। जिसके चलते वह अपने बच्चों पर कम ध्यान दे पाते हैं। इस व्यस्तता के कारण पैरेंट्स और बच्चों के बीच अच्छी अंडरस्टैंडिंग नहीं बन पाती है। इसके चलते बच्चे अपने माता-पिता को अपनी परेशानियों के बारे में नहीं बता पाते हैं। जिससे वह स्ट्रेस लेने लगते हैं और मेंटल हेल्थ जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। अगर आपको अपने बच्चे में इस तरह का कोई लक्षण दिखता है तो तुरंत ध्यान देना चाहिए जिससे वक्त रहते समस्या का समाधान ढूंढा जा सके और बच्चों की मेंटल हेल्थ का ख्याल रखा जा सके। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि बच्चों की मेंटल हेल्थ का ख्याल कैसे रखा जा सकता है।    

ऐसे सुधारे बच्चों की मेंटल हेल्थ
एक्सपर्ट के अनुसार हमें अपना कुछ समय अपने बच्चों के साथ भी गुजारना चाहिए। उनसे बात करके उनके दिल की बातें सुननी चाहिए और उनको यह विश्वास दिलाना चाहिए कि हर सिचुएशन में आप उनके साथ हो। अगर आप बच्चों से खुलकर बातें करेंगे तो बच्चे भी अपनी समस्याओं को आपके सामने बताने में नहीं हिचकिचाएंगे। आप बच्चों के साथ बैठकर उनकी सभी समस्याओं को ध्यान से सुनें और उनको सुलझाने में उनकी मदद करें। ऐसा करने से मेंटल हेल्थ जैसी बीमारी को बिना काउंसलिंग और बिना दवाओं के भी ठीक किया जा सकता है।     

धैर्यपूर्वक करें काम
अगर आपके बच्चे को खराब मेंटल हेल्थ की समस्या है तो आपको अपने बच्चे में पढ़ाई में मन न लगना, स्कूल न जाना, चिड़चिड़ापन, अकेले रहना, आदि जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं। ऐसे सिचुएशन में आप अपने बच्चे को गुस्से से नहीं बल्कि प्यार से समझाइए। अगर आप उस पर गुस्सा करेंगे तो यह बच्चे के मेंटल हेल्थ पर और भी ज्यादा बुरा प्रभाव डाल सकती है।        

आउटडोर गेम्स
आजकल बच्चों से लेकर बड़े तक दिन भर फोन में लगे रहते हैं। हर समय फोन का इस्तेमाल करना मेंटल हेल्थ के लिए सही नहीं होता है। इसलिए बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए ज्यादा प्रोत्साहित करें। आउटडोर गेम्स से बच्चे फिजिकली फिट होने के साथ-साथ मानसिक सेहत में भी अच्छे होंगे।  

योगा या एक्सरसाइज
अधिकतर लोग योगा या एक्सरसाइज से दूर भागते हैं। इसका कारण होता है आलस। इसके साथ ही लोग योगा या एक्सरसाइज की आदत भी नहीं डालते। इसलिए बच्चों की बचपन से ही इन सब की आदतें डालनी चाहिए। जो कि उनकी सेहत और शरीर दोनों के लिए फायदेमंद होंगे। आप बच्चों से साइकलिंग, तैराकी, रनिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटी करवा सकते हैं। 
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Sat, 28 Oct 2023 16:04:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/children-also-victims-of-mental-depression-know-its-symptoms-and-ways-of-prevention-369071
<![CDATA[Parenting Tips: बेटे को बनाना चाहते हैं जेंटलमैन तो अपनाएं ये पेरेंटिंग टिप्स, सभी करेंगे तारीफ]]> आमतौर पर पेरेंट्स अपनी बेटियों की परवरिश को लेकर ज्यादा परेशान रहते हैं। पेरेंट्स अपनी बेटियों को सर्वगुण संपन्न बनाने की हर कोशिश करते हैं। लेकिन अगर आप अपने बेटे को विचारशील और बेहतर इंसान बनाना चाहते हैं, तो आपको उसके पालन-पोषण पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। हांलाकि आपको यह काम थोड़ा चुनौती भरा लग सकता है। लेकिन आपके थोड़े प्रयास आपके बेटे को एक बेहतर इंसान बनाने में मदद कर सकते हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बेटे को खुशहाल, सर्वगुणसंपन्न व्यक्तित्व बनाने के कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं। 

बेटों की परवरिश में पेरेंट्स इन बातों का रखें ख्‍याल

जिम्‍मेदारियों दें
छोटे बच्‍चों खासतौर पर लड़कों को कम उम्र से ही जिम्मेदारियां देना जरूरी है। आप उन्हें छोटे-छोटे टास्क देना शुरू करें। जैसे जब बच्चे छोटे होते हैं, तो आप उनसे कुकिंग के दौरान चम्मच मांग सकते हैं या फिर रोज गार्डन और पेट्स को पानी देने की जिम्मेदारी दे सकते हैं। 

फीलिंग्स को एक्‍सप्रेस करना सिखाएं
आपने देखा होगा कि लड़कों को रोने के लिए मना किया जाता है। लेकिन अगर आपका बेटा किसी बात से अपसेट है तो आप उसे खुलकर अपनी फीलिंग्स को एक्सप्रेस करने दें, उसे रोने से ना रोकें। जब तक कि वह आउट ऑफ कंट्रोल ना हो जाए। इस तरह से वह अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करना सीखेगा और उन्हें सही तरीके से व्यक्त करना सीखेगा। बतौर पेरेंट्स आप बेटे को गुस्‍सा, प्‍यार, दुख को समझने और उसे बेहतर तरीके से एक्‍सप्रेस करना बता व सिखा सकते हैं।

फिजिकल अफेक्‍शन के साथ दें स्‍नेह
कई रिसर्च में पाया गया है कि पेरेंट्स लड़कियों की तुलना में लड़कों को कम स्पर्श कर स्नेह देते हैं। लेकिन लड़कियों के जितना ही लड़कों को भी प्यार और स्नेह की जरूरत होती है। भले ही आपका बेटा दोस्‍तों या अन्य लोगों के सामने आपको गले लगने या प्यार करने से मना करे या शर्माएं। तो आपको यह समझना चाहिए कि अभी उसे वक्त की जरूरत होती है। बेटे द्वारा ऐसा करने से मना करने पर आप उसकी पीठ थपथपाएं, गले लगाएं, हाथ पकड़ें।

सोशल स्‍किल को बढाएं
ज्यादातर लड़कियों की तुलना में लड़के गहरी दोस्ती करने में पीछे रहते हैं। ऐसे में आप बेटों को अपनी चीजों को शेयर करने, दोस्त बनाने और लोगों की मदद करने आदि की स्किल सिखा सकते हैं। इस तरह से आपके बेटे की सोशल स्किल बढ़ पाएगी। 

लोगों को दे इज्‍जत
अगर आप चाहते हैं कि आपका बेटा आपकी या सामने वाले की इज्जत करे। तो उसे हर उम्र और हर जेंडर के लोगों की इज्जत करना सिखाएं। आपके बर्ताव से बच्चे के बिहेवियर में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। इससे वह लोगों को समान रूप से इज्जत देना सीखेगा। फिर चाहे वह किसी भी जेंडर के हों।  
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Mon, 23 Oct 2023 16:29:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/want-to-make-your-son-gentleman-then-follow-these-parenting-tips-everyone-praise-you-368358
<![CDATA[Shy And Introvert Child: यह आदतें बताती हैं आपका बच्चा इंट्रोवर्ट है या शर्मीला, इस तरीके से करें पहचान]]> शर्मीलापन सोशल होने या लोगों से मिलने जुलने पर डर या घबराहट का अनुभव होता है। जबकि इंट्रोवर्ट बच्चे इससे कई मायनों में अलग होते हैं। इन बच्चों को अकेले रहना अच्छा लगता है और शांत माहौल को पसंद करते हैं। इंट्रोवर्ट बच्चे ज्यादा समय तक किसी से मिलें जुलें तो इनको मानसिक थकान महसूस होने लगती है। कई बार उम्र बढ़ने और लोगों से मिलते जुलते रहने के बाद बच्‍चों में शर्मीला व्‍यवहार खत्‍म होने लगता है। खासतौर पर किशोरावस्था तक आते-आते उनके व्यहवहार में कई तरह के बदलाव आ जाते हैं। ऐसे में आप अपने बच्चे के व्यवहार से जान सकते हैं कि आपका बच्चा शर्मीला है या इंट्रोवर्ट।

बता दें कि कई बच्चों का शर्मीलापन मुश्किल भरा हो सकता है। इस कारण उन्हें हर समय स्‍ट्रेस और एंग्‍जायटी अनुभव होता है। इंट्रोवर्ट होना बच्चे के व्यक्तित्व का हिस्सा होता है। ऐसे बच्चों को लोगों से मिलने या सोशल होने में परेशानी नहीं, बल्कि समय की बर्बादी लगता है। 

इंट्रोवर्ट बच्चों को अकेले में समय गुजारना ज्यादा अच्छा और आरामदायक लगता है। हांलाकि कई पेरेंट्स यह देखकर परेशान होते हैं कि उनका बच्चा किसी से मिलना नहीं चाहता है, वह अकेले रहना चाहता है। तो आपको बता दें कि इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह आत्मविश्वास की कमी का लक्षण नहीं है। इसलिए पेरेंट्स को घबराने की जरूरत नहीं है। 

कुछ शर्मीले बच्चे सोशल होना चाहते हैं, लेकिन डर या एंजायटी के कारण वह ऐसा नहीं कर पाते हैं। वहीं इंट्रोवर्ट बच्‍चों में लोगों के साथ मौज मस्‍ती करने के साथ अन्य चीजों को लेकर काफी ज्यादा एक्साइटमेंट होता है। ऐसे बच्चों की पसंद अन्य बच्चों से अलग होती है।  

ऐसे में अगर आपका बच्चा भी इंट्रोवर्ट है, तो बतौर पेरेंट्स आपको उसे समझना जरूरी होता है। इसलिए बच्चे को ज्यादा इंगेज रखने की कोशिश ना करें। बच्चे को कुछ समय खुद के साथ भी बिताने दें। साथ ही पेरेंट्स को ऐसे बच्चों को यह भी फील कराना चाहिए कि कंफर्ट जोन से बाहर आना उनके जीवन में आगे बहुत काम आएगा।
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Mon, 16 Oct 2023 16:03:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/these-habits-tell-whether-child-introvert-or-shy-identify-in-this-way-367400
<![CDATA[Parenting Tips: टीनएज बच्चों के जीवन में पेरेंट्स नहीं करनी चाहिए ज्यादा ताक-झांक, रिश्ते में आने लगती है दूरियां]]> बड़े होते बच्चों को अपने पेरेंट्स के नसीहतों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन जब वही पेरेंट्स अपने बच्चों की लाइफ में बेवजह ताक-झांक करने लगते हैं, या बच्चों पर भरोसा जताने लगते हैं। तो पेरेंट्स और बच्चों के बीच एक ऐसी दीवार बन जाती है, जो उनके रिश्ते को प्रभावित करती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बच्चों की उन परेशानियों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें अक्सर पेरेंट्स समझना नहीं चाहते हैं।

प्राइवेसी ना देना
अगर आपके बच्चे टीनएज में आ रहे हैं, तो पेरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चों को थोड़ी सी प्राइवेसी दें। लेकिन कई बार पेरेंट्स इस बात को नहीं समझते हैं और हर वक्त बच्चों के साथ रोक-टोक किया करते हैं। टीएनज में ना सिर्फ शारीरिक बल्कि बच्चों में मानसिक रूप से भी बदलाव आने लगते हैं। ऐसे में बच्चों को थोड़ी देर खुद के साथ भी वक्त गुजारने दें।

दोस्‍तों से लगाव
कई पेरेंट्स बच्चों के जीवन को कंट्रोल में रखना चाहते हैं। ऐसे में पेरेंट्स यह भी चाहते हैं कि बच्चे उनकी मर्जी से दोस्त बनाएं। ऐसे में पेरेंट्स को यह समझना चाहिए कि बच्चों अपनी जरूरत के अनुसार दोस्त बनाते हैं। क्योंकि बच्चों के लिए परिवार के साथ दोस्तों का होना भी जरूरी होता है।

अपूर्णता का करें सम्मान
कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं हो सकता है। यह बात हर पेरेंट्स को स्वीकार करनी चाहिए। लेकिन अगर आप अपनी गलतियों को बच्चे के सामने स्वीकार करने से हिचकिचाते हैं, या हर समय बच्चे में कमी निकालते रहते हैं। तो बच्चे भी अपने पेरेंट्स की गलतियों या उनकी अपूर्णता का सम्मान नहीं करते हैं।

जनरेशन में बदलाव
कई पेरेंट्स अपने जमाने की पैरेंटिंग को अपने बच्चों के सिर पर भी थोपना चाहते हैं। ऐसे में उनको यह समझना होगा कि समय बदल चुका है। ऐसे में माता-पिता को जनरेशन चेंज को स्वीकारना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बच्चों और पेरेंट्स के बीच दूरी बनती चली जाती है।

एक-दूसरे से अलग होना
हर इंसान एक-दूसरे के अलग होता है। इसका मतलब यह नहीं कि अगर आपका बच्चा चंचल या बातूनी है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपका बच्चा सिंसीयर नहीं है। ऐसे में आप उनपर एक साथ जिम्मेदारियां थोपने से बचें। बच्चे को अपने तरीके से जिम्मेदारियों को निभाने की आजादी देनी चाहिए।
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Wed, 20 Sep 2023 13:47:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/parents-not-peep-too-much-lives-of-teenage-children-distance-starts-in-relationship-363451
<![CDATA[Twinkle Khanna से लीजिए गजब के पेरेंटिंग टिप्स, बच्चों की परवरिश में नहीं होगी कमी]]> बॉलीवुड एक्ट्रेस ट्विंकल खन्ना उन सेलेब्स में शुमार हैं, जो अपने इंटरव्यू या सोशल मीडिया पर कई मुद्दों पर खुलकर बात करती हैं और इन मुद्दों पर अपने विचार लोगों के साथ साझा करती हैं। एक्ट्रेस परिवार, परवरिश और आपसी रिश्तों से जुड़ी जरूरी बातें लोगों से शेयर करती हैं। जिसके कारण लोग एक्ट्रेस से काफी प्रभावित रहती हैं। ट्विंकल खन्ना के पति अक्षय कुमार हैं और इस कपल्स के दो बच्चे भी हैं। 

एक्ट्रेस के मुताबिक बच्चों की परवरिश से पहले पेरेंट्स को भी ट्रेनिंग की जरूरत होती है। एक्ट्रेस का कहना है कि जिस तरह से ट्रेनिंग और ड्राइविंग टेस्ट पास करने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस लिया जाता है। ठीक उसी तरह बच्चों की परवरिश से पहले पेरेंट्स को ट्रेनिंग चाहिए होती हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपके साथ ट्विंकल खन्ना द्वारा शेयर किए गए पेरेंटिंग टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं।

जरूरी नहीं है परफेक्शन
एक्ट्रेस के मुताबिक पेरेंट्स का काम बच्चों को परफेक्ट बचपन देना नहीं होता है। बल्कि पेरेंट्स को अपने बच्चों के दिमाग को आइडियाज से भर देना चाहिए। जिसे वह अपनी ताकत की तरह इस्तेमाल करें। बच्चों को अपनी सम्मान करना सिखाएं, ताकि वह जागरुक बनें, लोगों की मदद के लिए प्रेरित हों। लेकिन कभी भी उनकी कमजोरियों को रेखांकित नहीं करना चाहिए। जिसमें उनको ढेर सारा प्यार करना और जबरदस्ती सब्जियां खिलाना भी शामिल है। पेरेंट्स को अपने कामों को भूलकर उनके साथ उनके कामों में भी हाथ बंटाने का प्रयास करना चाहिए। 

इम्परफेक्ट भी है ग्रेट
ट्विंकल के अनुसार, कोई भी पेरेंट्स हर समय परफेक्ट नहीं बन सकते हैं। पेरेंट्स या कोई भी कितना भी ट्राई कर ले, लेकिन कुछ ना कुछ कमी हमेशा बनी रहती हैं। इसलिए परफेक्शन के भूत को सिर से उतार दें। क्योंकि कई बार इम्परफेक्ट भी आपको ग्रेट फीलिंग्स दे जाता है। इसलिए परफेक्ट बनने की चाह को किनारे कर पेरेंटिंग के हर मूमेंट को खुलकर इंज्वॉय करना चाहिए। 

बच्चों के दिमाग पर दें ध्यान
एक्ट्रेस के मुताबिक हर पेरेंट्स अपने बच्चे के होमवर्क पर ध्यान देते हैं। लेकिन इसके साथ यह भी जरूरी है कि बच्चे के दिमाग में क्या चल रहा है, इस पर भी पेरेंट्स ध्यान दें। बच्चों से बातें करें उनकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें। अगर यह टिप्स हर पेरेंट्स अपनाते हैं, तो वह एक अच्छे दोस्त की तरह अपने बच्चे के साथ रिश्ता निभा सकते हैं। साथ ही बच्चे को उचित मार्गदर्शन भी दे सकते हैं।
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Wed, 13 Sep 2023 12:47:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/take-amazing-parenting-tips-from-twinkle-khanna-there-no-shortage-in-raising-children-362327
<![CDATA[Parenting Tips: तुनकमिजाज बच्चे को ऐसे बनाएं खुशमिजाज, अमेजिंग हैं ये पेरेंटिंग टिप्स]]> छोटे बच्चे दिल के काफी ज्यादा साफ होते हैं। लेकिन बचपन में बच्चों का स्वभाव एक-दूसरे से काफी ज्यादा अलग होता है। जहां कुछ बच्चे चंचल और नटखट किस्म के होते हैं, तो वहीं कुछ बच्चों का स्वभाव थोड़ा गुस्सैल स्वभाव को होता है। ऐसे में अगर आपका बच्चा भी गुस्सैल और तुनकमिजाज स्वभाव का है, तो हर माता-पिता को नीचे बताए इन 4 पेरेंटिंग टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए। इन टिप्स को फॉलो करने से कुछ ही दिनों में आपका बच्चा खुशमिजाज बन जाएगा।

बता दें कि तुनकमिजाज बच्चे अक्सर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं और मुंह फुला लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स के लिए बच्चों का गुस्सैल स्वभाव परेशानी का सबब बन जाता है। तो अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो हम आपको तुनकमिजाज बच्चे से डील करने के लिए तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनकी मदद से आप अपने बच्चे को खुशमिजाज बना सकते हैं।

जरूर सिखाएं इमोशन कंट्रोल करना
तुनकमिजाज और गुस्सैल स्वभाव वाले बच्चों का अपनी फीलिंग्स पर कंट्रोल नहीं रहता है। इस नेचर के बच्चे पल में गुस्सा और पल में खुश होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स  को अपने बच्चे को इमोशन कंट्रोल में रखने की सीख देनी चाहिए। वहीं पेरेंट्स को भी स्ट्रेस के दौरान बच्चे के सामने खुद को खुश दिखाने का प्रयास करना चाहिए। पेरेंट्स को देखकर बच्चा भी खुश रहने लगेंगे।

जरूरी है मेंटल सेफ्टी
हालांकि पेरेंट्स अपने बच्चे को सेफ रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। लेकिन अधिकतर पेरेंट्स अपने बच्चे की मेंटल और इमोशनल सेफ्टी को नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे के साथ फ्रेंडली व्यवहार करना चाहिए। जिससे कि बच्चा बिना किसी हिचकिचाहट और डर के आपसे अपने दिल की बात कह पाएगा। इस तरह से आपका बच्चा आपके अपने दिल की बात आसानी से कर लेगा और वह खुश महसूस करेंगे।

सपोर्ट देना है जरूरी
कई पेरेंट्स बच्चों द्वारा गलती किए जाने पर उन्हें डांटने या मारने लगते हैं। ऐसे में बच्चे रूड और जिद्दी हो जाते हैं। जब बच्चा गलती करता है, तो पेरेंट्स को उनपर गुस्सा नहीं करना चाहिए। बल्कि ऐसी परिस्थिति में बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। बच्चे को उसकी गलती का एहसास करवाना चाहिए। इस तरह से बच्चा गुस्सैल नहीं बनेगा।

बच्चों को समझें
 बच्चों को बेहतर परवरिश देने के लिए ज्यादातर लोगदूसरों की राय लेते हैं। ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों की जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि दूसरों की सलाह पर चलने की बजाय अपने बच्चे को समझने का प्रयास करें। वहीं बच्चे की जरूरत का खास ख्याल रखें। आपके इस व्यवहार से बच्चा खुशमिजाज और हंसता रहेगा।
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Thu, 07 Sep 2023 11:13:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/make-moody-child-happy-these-parenting-tips-amazing-361467
<![CDATA[Teenage Parenting: टीनएज में है आपका बच्चा तो दोस्त बन दें उसका साथ, पेरेंटिंग में नहीं आएगी समस्या]]> हर दंपति के लिए माता-पिता बनना आसान नहीं होता है। यह एक ऐसी जिम्मेदारी होती है, जिसमें आपको सख्ती के साथ संतुलन बनाए रखना पड़ता है। वैसे तो हर माता पिता अपने बच्चे की अच्छे से परवरिश करता है। लेकिन अगर पेरेंट्स से पूछा जाए कि उन्हें अपने बच्चे के साथ सबसे ज्यादा समस्या किस समय हुई है, तो अधिकतर लोगों का जवाब होगा कि जब उनका बच्चा किशोरावस्था में था। क्योंकि इस दौरान ना तो बच्चे ज्यादा बड़े होते हैं और ना ही वह बच्चे होते हैं। इस दौरान बच्चे से सही और गलत की पहचान करवाना सबसे ज्यादा मुश्किल काम होता है। 

क्योंकि इस उम्र में बच्चे के अंदर कई बदलाव होते हैं। इन बदलावों में शारीरिक और मानसिक बदलाव शामिल हैं। ऐसे में अगर बच्चे को सही गाइडेंस और पैरेंटिंग ना मिले। तो बच्चे की जिद विद्रोह में भी बदल सकती है। ऐसे में इन टिप्स की मदद से किशोरावस्था के दौरान माता-पिता अपने बच्चों को संभाले। 

जरूरत से ज्यादा न हों प्री-पेयर
पैरेंट्स अक्सर यह गलती करते हैं कि वह खुद को उन चीजों के लिए तैयार करते हैं, जो अभी तक उनके सामने नहीं आई है। वह स्थिति को हमेशा अपने कंट्रोल में करने का प्रयास करते हैं। जिसकी वजह से बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है। कई बार दूसरों की कहानियां सुन पेरेंट्स अपने बच्चे के साथ भी वैसा ही बर्ताव करने लगते हैं। जिसके कारण उनकी परेशानी बढ़ सकती है। हर समय बच्चे के साथ सख्ती ना अपनाएं, क्योंकि ऐसा करने पर बच्चे पर गलत प्रभाव पड़ सकता है। बच्चे के अंदर विद्रोह की भावना पैदा हो सकती है।

हर बात को नापसंद न करें
बता दें कि किशोरावस्था एक कठिन उम्र होती है, जिसमें बच्चा कई चीजों को लेकर कंफ्य़ूज रहते हैं। या फिर वह हद से ज्यादा कॉन्फिडेंट हो जाते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चे को चियरलीडर बनाना चाहिए। उनको इस दौरान नीचा दिखाने का प्रयास ना करें। बच्चे कई बार दोस्तों के इंफ्लूएंस में या फिर ट्रेंड के साथ चलने की चाह में कुछ अजीबो-गरीब चीजें भी कर सकते हैं। ऐसे मे आप धैर्य और समझदारी के साथ उनको सही और गलत के बीच का फर्क समझाएं।

हर बात पर न दिखाएं असहमति
अपने बच्चे को किशोर उम्र के पड़ाव पर कंट्रोल में लाने के प्रयास में पेरेंट्स हर चीज के लिए ना कह देते हैं। इसी जगह से बच्चे और पेरेंट्स के बीच तनाव बढ़ जाता है। इसलिए उनके हर काम को ना कहने से बच्चे पर गलत असर पड़ सकता है। इसलिए उन्हें थोड़ा सा फ्रीडम जरूर दें। इसके अलावा हर बात को खारिज ना करें। बल्कि उसको ध्यान से सुनने के बाद उसपर चर्चा करें और फिर बच्चे को उस टॉपिक पर अपनी बात समझाएं।
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Sat, 02 Sep 2023 15:23:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/child-in-teenage-then-befriend-him-there-no-problem-in-parenting-360871
<![CDATA[Single Parents: सिंगल पैरेंट को बच्चे की परवरिश करने में आती हैं कई समस्याएं, इन चीजों में हो जाते हैं कमजोर]]> इस बात को आप भी अच्छे से समझते होंगे कि बच्चों को पालना आसान काम नहीं है। अगर बतौर पेरेंट्स अकेले ही बच्चे की परवरिश करनी पड़ती है। तो परेशानी ज्यादा बढ़ जाती है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि सिंगल पेरेंट्स को बच्चे की परवरिश के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि सिंगल पैरेंट बच्चे के लिए माता-पिता दोनों की भूमिका निभाते हैं। इसलिए उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

अकेलापन
पार्टनर के साथ कई चीजें बहुत हद तक आसान हो जाती हैं। लेकिन जब सारे काम अकेले करने पड़ते हैं। तो कई बार अकेलापन घेरना शुरू कर देता है। सिंगल पैरेंटिग में आपके पास कोई भी ऐसा नहीं होता है। जिसका आप सहारा ले सकती हैं। साथ ही इमोशनल सपोर्ट भी नहीं होता है। ऐसे में अगर आप सिंगल पैरेंटिंग के दौरान ऐसा ही महसूस करते हैं। तो अपने निगेटिव विचारों को पॉजिटिव विचारों में बदलने का प्रयास करें। इससे न सिर्फ आपको बल्कि आपके बच्चे को भी फायदा भी होगा।

बच्‍चों को डिसिप्लिन सिखाना
बच्चे पिता के रहते हुए आसानी से अनुशासन सीख लेते हैं। लेकिन सिंगल मां के तौर पर यह काम थोड़ा सा मुश्किल होता है। कई बच्चे इमोशनल स्ट्रेस के कारण गलत रास्ते पर चल देते हैं। सिंगल पैरेंट के लिए उन्‍हें सुधारना या डिसिप्लिन सिखाना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में अगर पॉसिबल हो तो को-पैरेंटिंग अपना सकते हैं। इससे आपका बोझ हल्का होने के साथ ही बच्चे को डिसिप्लिन सिखाना आसान हो जाएगा।

आत्‍मविश्‍वास में कमी
सिंगल पैरेंट के तौर पर कई बार सोसायटी के ताने भी सुनने पड़ते हैं। सोसायटी सिंगल पैरेंट को सपोर्ट करने के बजाय अलग ही नजरों से देखती है। ऐसे में बतौर सिंगल पैरेंट उनमें आत्मविश्वास की कमी आने लगती है। अगर आप भी यह चीजें फेस करते हैं, तो आप खुद को कुछ ऐसे एक्टिविटीज में व्यस्त रख सकते हैं, जो आपको अंदर से आत्मविश्वास प्रदान करें। आप उन लोगों के आसपास रहें, जो आप पर विश्वास करते हैं। साथ ही वह आपको बिना जज किए आपकी चीजों को समझते हैं।

आर्थिक बोझ होता है
सिंगल पैरेंट के तौर पर बच्चे की सारी जिम्मेदारियां अकेले निभानी होती हैं। ऐसे में आर्थिक बोझ का बढ़ना लाजिमी हो जाता है। घर के खर्चे, बच्चे की पढ़ाई के अलावा उसकी जरूरतों का खर्चा कई बार मानसिक तनाव का कारण बनता है। आर्थिक जिम्मेदारियों के बढ़ने पर फ्रस्टेशन होने लगता है। अगर आप भी इस समस्या से गुजर रहे हैं, तो बच्चे के साथ बैठकर आपको बजट बनाना चाहिए। बच्चे से बात कर यह तय करें कि आप किन लग्जरी चीजों को बजट से हटा सकते हैं। जिससे कि आपके ऊपर ज्यादा बोझ ना हो। 
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Tue, 22 Aug 2023 14:41:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/single-parents-face-many-problems-in-raising-child-they-weak-in-these-things-359449
<![CDATA[Parenting Tips: हर पेरेंट्स को सिखानी चाहिए बच्चे को ये सारी बातें, रिश्तों में कभी नहीं होंगे फेल]]> हर पेरेंट्स अपने बच्चे के परवरिश के लिए काफी चिंतित रहते हैं। क्योंकि इस दौरान पेरेंट्स को कई तरह की जिम्मेदारियां निभानी पड़ती है। बच्चा अच्छा हो या बुरा, इसका पूरा श्रेय मां-बाप को जाता है। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चों को रिश्ते की अहमियत समझाना चाहिए। इससे बच्चे को कई चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। बच्चे मुश्किल समय में मजबूत रहने के साथ ही चीजों को अच्छे से समझता है। जब बच्चा खुद अंदर से अच्छा महसूस करता है, वह दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते बनाता है और हमेशा दूसरों की बाउंड्री का ख्य़ाल रखता है। ऐसे में हर पेरेंट्स को यह सारी बातें अपने बच्चे को समझानी चाहिए।

सम्‍मान करना सिखाएं
अपने बच्चे को दूसरों की फिजिकल, इमोशनल और सोशल बाउंड्री को समझना सिखाना चाहिए। बच्चे को कुछ चीजों और पर्सनल स्पेस के बारे में समझाना चाहिए। सामने वाले की इच्छा के बिना दूसरों की चीजों को हाथ न लगाएं। इसलिए अपने बच्चे को दूसरों की पर्सनल स्पेस का सम्मान करना सिखाना चाहिए। इसके साथ ही पेरेंट्स द्वारा बच्‍चे को खुद अपनी भी बाउंड्रीज की सुरक्षा करने के बारे में बताया चाहिए। इन सारी चीजों से जब बच्चा अवेयर होता है। तो वह दूसरों के प्रति गलत व्यवहार नहीं करता है और गलत व्यवहार का विरोध करता है।

इमोशनल इंटेलिजेंस
हर इंसान में तमाम तरह की भावनाएं होती हैं। ऐसे में बच्चे को बाउंड्री के बारे में सिखाकर आप उनके अंदर इमोशनल इंटेलिजेंस पैदा कर सकते हैं। जब बच्चा खुद की भावनाओं को समझेगा तो वह इन्हें अच्छे से व्यक्त भी कर सकेगा। इस तरह से वह दूसरों की भावनाओं को भी आसानी से समझ पाएगा। इस तरह के बच्चे अपने जिंदगी में काफी खुश रहते हैं और तमाम चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होते हैं। इससे वह इमोशनली स्ट्रांग भी बनते हैं।

निर्णय लेने की क्षमता
हर अभिभावक को अपने बच्चे को आत्मनिर्भर और काबिल बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इसलिए पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चे को छोटी उम्र से ही अपने छोटे-मोटे फैसले करने की आजादी दें। जब बच्चे अपनी जिम्मेदारी लेना खुद सीखते हैं, तो उनके अंदर रिस्क लेने की हिम्मत भी आ जाती है। वहीं जब बच्चे फैसले लेने में सक्षम होते हैं तो वह अपने पेरेंट्स पर निर्भर नहीं रहते हैं। ऐसे बच्चे बड़े होकर आत्मनिर्भर होते हैं और खुशहाल जिंदगी जीते हैं।

दीवार न बनाएं
जिंदगी में हर रिश्ते की अपनी अहमियत होती है। यही रिश्ते हमें लड़ना, प्यार करना और मुसीबत में साथ खड़े रहना सिखाते हैं। जब बच्चा अपनी और दूसरों की बाउंड्री को आसानी से समझने लगता है तो उनके रिश्ते मजबूत होते जाते हैं। वहीं जब बच्चा लिमिट में रहता है और दूसरों की भावनाओं को समझने के साथ ही उनका सम्मान करता है। तो वह रिश्ता उनके आपसी समझ और समानता पर टिका होता है। ऐसे रिश्ते बच्चे को मजबूत इंसान बनाते हैं।
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Tue, 15 Aug 2023 15:47:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/every-parent-teach-these-things-to-child-they-never-fail-in-relationships-358500
<![CDATA[Parenting Tips: छोटी उम्र में गाली देना सीख रहा है बच्चा, तो फौरन समझाएं ये बातें, दोबारा नहीं बोलेंगे गलत शब्द]]> आजकल के बच्चे टीवी आदि देखकर बहुत कुछ गलत और अभद्र सीख जाते हैं। क्योंकि आजकल टीवी पर गालियों और अश्लील चीजों की भरमार रहती हैं। ऐसे में बच्ची टीवी देखते हुए इन सारी चीजों को सीख जाते हैं। कई बार बच्चा टीवी के अलावा, स्‍कूल या प्‍लेग्राउंड या फिर कहीं और से बुरे शब्द सीख जाता है। ऐसे में आप इन शब्दों को सीखने से तो नहीं रोक सकते हैं, लेकिन उन्हें गलत-सही की जानकारी दे सकते हैं। बच्चे को बताएं कि किन शब्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इससे बच्चे को समझ आएगा कि क्या अच्छा है और क्या नहीं। इन्हीं आदतों के लिए इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ पेरेंटिंग टिप्स दे रहे हैं। 

गलत शब्‍द का इस्‍तेमाल करना 
जब आपका बच्चा पहली बार गलत शब्द का इस्तेमाल करता है। तो आप गुस्सा होने के साथ ही शॉक भी हो जाते हैं। लेकिन इस तरह की चीजों को बहुत ज्यादा अटेंशन देने पर बच्चा डरने के साथ ही कंफ्यूज हो सकता है। ऐसी स्थिति में बच्चे को समझ नहीं आता है कि उन्हें आगे क्या कहना है। कई बार बच्चा अटेंशन पाने के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करता है। ऐसे में पेरेंट्स को इस सिचुएशन को शांति से हैंडल करना चाहिए।

माफी मांगना सिखाएं
छोटी उम्र के बच्चों को यह नहीं पता होता है कि उनको अपने इमोशंस किस तरह से व्यक्त करने हैं। छोटी उम्र में गलतियां करना आम बात है। क्योंकि बच्चे खुद को, आसपास की चीजों और परिस्थितियों को समझने का प्रयास करते हैं। कई बार आप उन परिदृश्यों को खारिज कर देते हैं, क्योंकि बच्चे अनजाने में ऐसा करते हैं। लेकिन गलती को न पहचानने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। ऐसे में अगर बच्चा किसी को गाली आदि देता है, तो उसे माफी मांगने के लिए कहें।

बताएं क्यों है गलत
कई बार बच्चे जिन गलत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें नहीं पता होता है कि उस शब्द का मतलब क्या है। ऐसे में बच्चा जब भी किसी गलत शब्द को बोले तो उनसे इस शब्द का मतलब पता है। ऐसे में उन्हें बताएं कि यह शब्द गलत क्यों हैं।

गलत चीजों को बढ़ावा 
अगर आपका बच्चा किसी को गलत या अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। भले ही फिर उसे इसका मतलब पता हो या नहीं, लेकिन इस तरह की भाषा को अनदेखा न करें। क्योंकि बच्चे अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए दूसरों को गलत शब्द बोलते हैं। ऐसे में अपनी भावनाएं सही तरीके से व्यक्त करने के तरीके के बारे में सिखाएं। 

अच्छा बिहेवियर
कई बार पेरेंट्स बच्चे को गलत शब्दों के इस्तेमाल से रोकते हैं। लेकिन खुद उनके सामने फोन आदि पर इन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बच्चा आपसे ही इन शब्दों को सीख सकता है। इसलिए फैमिली या बच्चों के आगे किसी तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
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Wed, 09 Aug 2023 14:40:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/child-learning-to-abuse-young-age-explain-these-things-not-say-wrong-words-again-357697
<![CDATA[Parenting Tips for Children: बच्चे को पढ़ाते समय इन 4 स्टडी टिप्स को करें फॉलो, लंबे समय तक याद रहेगा कोर्स]]> पेरेंट्स बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उनकी पढ़ाई का विशेष ध्यान रखते हैं। जहां कुछ बच्चे पढ़ने में काफी तेज होते हैं, तो कुछ बच्चे पढ़ने में कमजोर होते हैं। कमजोर बच्चे पढ़ी हुई चीजों को जल्दी भूल जाते हैं। ऐसे में अगर आपका भी बच्चा पढ़ाई के बाद अपना कोर्स भूल जाता है। तो हर पेरेंट्स को नीचे बताए गए इन 4 टिप्स को जरूर फॉलो करने चाहिए। यह टिप्स आपके और आपके बच्चे के बहुत काम आ सकती हैं। 

कई बार पढ़ते समय बच्चा चीजों को याद रखता है, लेकिन कुछ समय बाद ही वह पढ़ा हुआ टॉपिक भूल जाते हैं। ऐसे में बच्चे और पेरेंट्स की सारी मेहनत पर पानी फिर जाता है। ऐसे में हम आपके साथ इस आर्टिकल के लिए कुछ टिप्स आपसे शेयर करने जा रहे हैं। जिन्हें फॉलो कर हर बच्चे की मोमरी पावर स्ट्रॉग बन सकती है। 

उदाहरण देकर पढ़ाएं
अगर आपके बच्चे को भी पढ़ी हुआ टॉपिक ज्यादा देर याद नहीं रहता है। ऐसे में आप बच्चे को समझाने के लिए उदाहरण दे सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स पढ़ाने के दौरान बच्चे को रियल लाइफ से संबंधित उदाहरण दें। जिससे बच्चा टॉपिक से अच्छे से कनेक्ट कर सके। इस तरीके से आपका बच्चा पढ़ी हुई चीजों को लंबे समय तक याद रख सकेगा। इसलिए बच्चे को पढ़ाते समय उदाहरण देकर समझाना न भूलें।

पढ़ाई को करें एन्जॉय
बच्चे को पढ़ाने के दौरान पेरेंट्स कुछ इंट्रेस्टिंग टिप्स और ट्रिक्स ट्राई कर सकते हैं। इससे बच्चे का मन पढ़ाई से नहीं हटेगा और उसे पढ़ाई बोझ नहीं लगेगी। मजेदार तरीके से पढ़ने से बच्चा टॉपिक में दिलचस्पी लेगा और घंटो तक बैठकर पढ़ाई करता रहेगा।

जरूरी है डिकोडिंग
कई बार बच्चे आगे की पढ़ाई करने के दौरान पीछे की चीजें भूल जाते हैं। ऐसे में आपको सिर्फ बच्चे को पढ़ाना जरूरी नहीं है। पढ़ाने के बाद बच्चे को टॉपिक का रिवीजन करवाएं। उनसे टॉपिक को लिखवाने के साथ ही सुनने का भी प्रयास करें। इससे बच्चे का रिवीजन होगा और पढ़ी हुई चीजों को लंबे समय तक याद रखेगा। 

लगातार न पढ़ाएं
कई बार पेरेंट्स लगातार बच्चों को पढ़ाते रहते हैं। ऐसे में कुछ समय बाद बच्चे का दिमाग सुस्त हो जाता है और बच्चे को टॉपिक समझ में नहीं आता है। ऐसे में पढ़ाने के दौरान बच्चे को कुछ समय का ब्रेक देना जरूरी होता है। इसके अलावा आप इस बीच में बच्चे के फिजिकल एक्टिविटी और पानी आदि पीने की सलाह भी दे सकते हैं। इस तरीके से बच्चे फिर से रिफ्रेश हो जाएंगे और अच्छे से पढ़ाई कर सकेंगे।
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Sat, 05 Aug 2023 11:44:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/follow-these-4-study-tips-while-teaching-your-child-course-remembered-for-long-time-357039
<![CDATA[Parenting Tips: पेरेंट्स खेल-खेल में पढ़ाएं, इन टिप्स को फॉलो करने से बिना बोले पढ़ने बैठ जाएगा बच्चा]]> बच्चों की पढ़ाई के लिए हर पेरेंट्स को एक्स्ट्रा मेहनत करनी होती है। लेकिन कई बार जब बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, तो वह पढ़ाई को बोझ मानने लगते हैं। वहीं पेरेंट्स भी कई बार पढ़ाई के मामले में बच्चों की तुलना अन्य बच्चों से करते हैं। हालांकि पढ़ाई में मन न लगने से बच्चों के शिक्षा कोष में कमी आने के साथ ही पढ़ाई भी कमजोर होने लगती है। ऐसे में परेशान होने की जगह पेरेंट्स को नीचे बताए गए कुछ तरीकों से बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना चाहिए। इन तरीकों को अपनाने से बच्चे का पढ़ाई में मन लगने लगेगा।

प्रेरणा दें
सबसे पहले हर बच्चे को शिक्षा के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करें। इसके लिए माता-पिता अपने बच्चे को उदाहरण, कहानियां और महान व्यक्तियों के जीवन से सीख लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही बच्चे को यह भी बताएं कि किस तरह से वह शिक्षा के जरिए अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं और अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

रोमांचक और सरस वातावरण
पढ़ाई-लिखाई के लिए अच्छा और सकारात्मक वातावरण का होना बहुत जरूरी है। इसलिए बच्चे के स्टडी रूम को आप आकर्षक रंगों से सजाने के साथ ही दीवारों पर बच्चे द्वारा बनाए गए चित्र भी लगा सकते हैं। बच्चे के स्टडी टेबल को उनकी रुचि और आकार से हिसाब से सजाएं।

खेल-खिलाड़ियों की सुनाएं कहानी
बच्चे को शिक्षा का महत्व समझाने के लिए उनके फेवरेट खेल या फिर खिलाड़ियों से जुड़ी जानकारी दें। साथ ही उन्हें यह भी बताएं कि किस तरह से अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने मेहनत की और परेशानियों का सामना किया। यह चीजें बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करेंगी और उनका पढ़ाई में मन लगेगा।

खेल-खेल में सिखाएं
अगर बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो पेरेंट्स उन्हें खेल-खेल में भी काफी कुछ सिखा और पढ़ा सकते हैं। आप उनके साथ पहेलियां, बोर्ड खेल और अन्य शिक्षा संबंधित खेलकर सीखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। इस तरह से बच्चे द्वारा सीखा गया ज्ञान और नए अनुभवों के साथ पढ़ाई के लिए प्रेरित करेगा। 

सवालों का करें समर्थन
यदि बच्चा आपके सामने अपने विचारों, सवालों और समस्याओं को साझा करता हैं। तो बतौर माता-पिता आपको उनके द्वारा पूछे गए सवालों का समर्थन करना चाहिए और उसका जवाब ढूंढने के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करना चाहिए। वहीं जबरदस्ती के सवाल या शिक्षा से जुड़े सवालों को अनदेखा करने से बचना चाहिए।

प्यार से समझाएं
जब भी बच्चे को कुछ समझ नहीं आए या कोई गलती करें तो पेरेंट्स उन्हें प्यार से समझाएं। ऐसे में बच्चे को डांटना नहीं चाहिए बल्कि उन्हें अच्छे से समझाने की कोशिश करनी चाहिए। इससे वह आपके कुछ पूछने में कतराएंगे नहीं और सही से पढ़ाई करने के तरीके के बारे में बच्चे को बताएं।
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Wed, 02 Aug 2023 08:08:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/parents-should-teach-in-sports-following-these-tips-child-able-to-study-without-speaking-356553
<![CDATA[Parenting Tips: अच्छी परवरिश देने के लिए पेरेंट्स आज से बदल ले ये आदतें, वरना बर्बाद हो जाएगा बच्चे का फ्यूचर]]> मोबाइल-इंटरनेट और बदलती लाइफस्टाइल के बीच बच्चों की अच्छी और सही परवऱिश नहीं हो पाती है। क्योंकि आपका व्यवहार, आदतें जैसी होंगी बच्चा भी वैसी ही आदतें अपनाएगा। इसलिए भागदौड़ भरी और बिजी लाइफस्टाल के बाद आपको बच्चों के साथ छोटी-छोटी हरकते नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपकी छोटी-छोटी आदतें लाइफटाइम के लिए बच्चे की आदत बन जाएंगी। यह आदतें बच्चों के फ्यूचर के लिए अच्छी नहीं है। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे को अच्छी और सही आदतें सिखाना चाहते हैं तो आपको आज से ही इन आदतों को बदल लेना चाहिए।

छोटी-छोटी बातों पर न डांटे
कई बार पेरेंट्स बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर चिल्लाने व डांटने लगते हैं। ऐसे में यदि बच्चे को पढ़ाई-लिखाई के दौरान कुछ समझ नहीं आ रहा है तो आप उन्हें प्यार से समाझाएं। क्योंकि अगर आप उन्हें बात-बात पर डाटेंगे तो वह आपसे कुछ पूछने से डरेगा। वहीं बात-बात पर बच्चे पर चिल्लाना उन्हें जिद्दी व गुस्सैल बना सकता है।
 
खुद फैसला करने दें
बच्चों को आजादी देने से उनके सोचने-समझने की क्षमता का विकास होता है। जब आप उन्हें आजादी देंगें तो उनकी क्रिएटिविटी में भी निखार आएगा और वह अपनी प्रॉबलम्स को भी आपसे शेयर करेगा। इससे पेरेंट्स और बच्चे के बीच की बॉन्डिंग भी अच्छी होगी।
 
दोष न दें
कई बार बच्चे की कुछ आदतें पेरेंट्स को अच्छी नहीं लगती हैं। लेकिन उस दौरान बच्चे को भला-बुरा बोलने से बचना चाहिए। बच्चे पर छोटी-छोटी बातों का दोष डालने से बचें। अच्छे पेरेंट्स की यह निशानी होती है कि आप कितना भी नाराज क्यों न हों। लेकिन बच्चे के सामने यह बात जाहिर न हो सके।
 
न करें तुलना
हर बच्चे की अपनी खासियत होती है। ऐसे में कभी भी अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चे से नहीं करनी चाहिए। भले ही आपका बच्चा किसी एक काम में दूसरे बच्चे से अच्छा न हो। लेकिन कोई एक्टिविटी ऐसी जरूर होगी। जिसमें आपका बच्चा बेस्ट होगा। बच्चे को उसकी इस खासियत के बारे बताने के साथ ही प्रोत्साहित करें।

हर इच्छा न करें पूरी
कई बार बच्चे की मांग से पहले पेरेंट्स उन्हें कई चीजें लाकर देते हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि आपकी यह आदतें कहीं बच्चे पर गलत प्रभाव तो नहीं डाल रही हैं। ऐसे में हर बार बच्चे की जिद या मांग पूरी करनी जरूरी नहीं है। इसलिए अगली बार जब भी बच्चे के लिए कुछ लेकर आएं तो ख्याल रखें कि यह उसकी जरूरत का सामान हो।

गैजेट्स न दें
आजकल मोबाइल-इंटरनेट के जमाने में अधिकतर बच्चे स्मार्टफोन और गैजेट्स के साथ ज्यादा समय बिताने लगे हैं। क्योंकि मोबाइल और टीवी आदि का बच्चे की मेंटल हेल्थ के साथ उनकी आंखों पर भी असर पड़ता है। इसलिए बच्चे को गैजेट्स के साथ खेलने की जगह बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें।
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Wed, 26 Jul 2023 14:57:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/give-good-upbringing-parents-should-change-these-habits-child-future-ruined-355611
<![CDATA[Increase Immunity In Children: बारिश के मौसम में ऐसे बढ़ाएं बच्चों की इम्यूनिटी, बार-बार नहीं पड़ेंगे बीमार]]> बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियों का खतरा फैलने लगता है। इस मौसम में नवजात बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोगों को बीमार होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में जरा सी लापरवाही बच्चों पर भारी पड़ जाती है। क्योंकि बड़ों की तुलना में बच्चों की इम्युनिटी कम होती है।
 
बीमारी का खतरा बच्चों को ज्यादा होता है। इसलिए हर पेरेंट्स को मानसून में बच्चे का खास ख्याल रखना चाहिए। जिससे कि बच्चा बीमारियों से बच सके। ऐसे में आप नीचे बताए गए टिप्स फॉलो कर सकते हैं। इन टिप्स को फॉलो करने से बच्चे को डायरिया, फ्लू, पेट से संबंधित बीमारियों और सर्दी-खांसी का खतरा कम होता है। 

ऐसे बढ़ाएं बच्चे में इम्यूनिटी
बरसात के मौसम में बच्चों की डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। इस दौरान बच्चों की डाइट में हरी सब्जियां, नट्स और फल आदि शामिल करें। बच्चों को जंकफूड से दूर रखना चाहिए। क्योंकि रेहड़ियों पर बिकने वाले स्ट्रीट फूड बर्फ गोला, समोसा और चाट आदि खाकर बच्चे बीमार पड़ सकते हैं।

बच्चे को बारिश में भीगने से बचाना चाहिए। बरसात में बच्चों को फल और सब्जियों का जूस पिलाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। 

बच्चों को हाथ धोने की आदत सिखानी चाहिए। क्योंकि बच्चे कई बार बिना हाथ धुले ही कुछ भी खा लेते हैं। जिसके कारण उनके बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं हाथ धोने की आदत से बच्चे को इंफेक्शन का खतरा नहीं होता है।

बच्चों का स्क्रीन टाइम करने से उनकी आदतें अच्छी होती हैं। बच्चों को जल्दी सोने और जागने की आदत डलवानी चाहिए। क्योंकि हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करने से बच्चा स्वस्थ रहेगा।
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Thu, 20 Jul 2023 16:42:00 +0530 https://www.ekbaatbata.com/childcare-and-parenting/increase-children-immunity-in-this-way-in-rainy-season-they-not-fall-ill-again-and-again-354853