अमेज़न प्राइम पर जल्द आ रही है विद्या बालन की फिल्म 'शकुंतला देवी'

By Ek Baat Bata | May 21, 2020

अमेज़न प्राइम वीडियो ने शुक्रवार को घोषणा की कि बहुप्रतीक्षित हिंदी बायोपिक शकुंतला देवी विशेष रूप से स्ट्रीमिंग सेवा पर प्रीमियर की जाएगी। फिलहाल अभी तक रिलीज की तारीख की घोषणा नहीं की गई हैं। यह फिल्म 8 मई 2020 को रिलीज़ होने वाली थी, लेकिन 25 मार्च से लॉक डाउन के चलते सभी मॉल सिनेमाघर बंद होने के कारण इसकी रिलीज डेट टल गई थी। आखरी बार मिशन मंगल में देखी गई राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म शकुंतला देवी "मानव कंप्यूटर" कही जाने वाली शकुंतला देवी के जीवन पर आधारित है, जो सेकंड के भीतर अविश्वसनीय रूप से जटिल गणना करने की उनकी सहज क्षमता के लिए जानी जाती हैं।

कुछ दिन पहले  विद्या बालन ने अपने ट्विटर हैंडल  का सहारा लेते हुए घोषणा करते हुए लिखा "यह घोषणा करने में प्रसन्न हूं कि आपको अपने सभी प्रियजनों के साथ @PrimeVideo पर बहुत जल्द शकुंतलादेवी के दर्शन करने को मिलेंगे। रोमांचित हैं कि हम इन अभूतपूर्व समय में आपका मनोरंजन कर पाएंगे।

अनु मेनन द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म का निर्माण सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स प्रोडक्शंस और विक्रम मल्होत्रा ने किया हैं। पटकथा अनु मेनन और नयनिका महतानी द्वारा लिखी गई है, जबकि फिल्म के डायलॉग इशिता मूत्रा द्वारा लिखे गए हैं। फिल्म में सान्या मल्होत्रा भी हैं, जो शकुंतला देवी की बेटी की भूमिका निभाती हुई दिखाई देंगी जिनके साथ उन्होंने एक जटिल लेकिन असाधारण रिश्ते का आनंद लिया। फिल्म में अमित साध और जिशु सेनगुप्ता भी निर्णायक भूमिका में नजर आएंगे। 

फिल्म में बॉलीवुड फिल्म जगत के लोकप्रिय अभिनेता जीशु सेनगुप्ता अभिनेत्री विद्या बालन के पति का किरदार निभाएंगे। विद्या बालन ने एक पूर्व बयान में साझा किया था की "मैं बड़े पर्दे पर मानव कंप्यूटर, शकुंतला देवी का किरदार निभाने के लिए बेहद उत्साहित हूं। वह वास्तव में एक ऐसी महिला थी जिसने अपनी व्यक्तित्व को गले लगाया और एक मजबूत नारीवादी आवाज बनी। लेकिन जो वास्तव में मुझे रोमांचित करता है, वह यह है कि आप आम तौर पर एक मजेदार व्यक्ति को मैथ के साथ नहीं जोड़ेंगे पर वह इस धारणा को पूरी तरह से बदल चुकी थी।

एक छोटी सी झलक शकुंतला देवी और उनकी जीवनी पर

शकुंतला देवी एक भारतीय लेखिका और मानसिक गणिका थीं, जिन्हें "मानव कंप्यूटर" के नाम से जाना जाता था। वह 4 नवंबर, 1929 को बैंगलोर में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में पैदा हुई थी। जब वह सिर्फ तीन साल की थी, तो उनके पिता ने पाया कि उसके पास संख्याओं को याद रखने की अद्भुत क्षमता है।
छह साल की उम्र में शकुंतला देवी ने मैसूर विश्वविद्यालय में अपनी अंकगणितीय क्षमताओं को साबित किया। वह 1944 में अपने पिता के साथ लंदन चली गईं। वह अत्यधिक जटिल मानसिक अंकगणित में एक विशेषज्ञ थीं। 
 
हालांकि उन्हें कभी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिली, लेकिन उनकी प्रतिभा ने उन्हें 1982 के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जगह दी। एक गणितज्ञ होने के अलावा, शकुंतला देवी एक ज्योतिषी, लेखक और एक उपन्यासकार भी थीं। उन्होंने अपने गणितीय विचारों का प्रदर्शन करते हुए दुनिया की यात्रा की कॉलेजों में, सिनेमाघरों में, रेडियो पर और टेलीविजन पर उन्होंने द वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल किताब भी लिखी हैं।