इन टिप्स की मदद से बनें अपने टीनएज बच्चे के अच्छे दोस्त

By Ek Baat Bata | Jun 10, 2021

टीनएज में बच्चों के अंदर बहुत से शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। यह उम्र का एक ऐसा पड़ाव होता है जब बच्चों को अपने पेरेंट्स के सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है। टीनएज में बच्चों में बहुत से बदलाव आते हैं जिसके कारण अक्सर मां-बाप परेशान हो जाते हैं। टीनएज में बच्चे थोड़े गुस्से वाले स्वभाव के बन जाते हैं और माता पिता से दूरी बनाने लगते हैं। इस उम्र में अक्सर बच्चे अपनी बातें अपने पेरेंट्स से शेयर नहीं कर पाते हैं जिसकी वजह से पेरेंट्स और बच्चों के बीच दूरियां और ज्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसे में पेरेंट्स को अपने बच्चों को एक्स्ट्रा केयर और इमोशनल सपोर्ट देने की जरूरत होती है। अगर आप भी टीनएजर बच्चे के पेरेंट हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि आपको अपने टीनएजर बच्चे की परवरिश कैसे करनी चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देने जा रहे हैं जिससे आपको अपने बच्चे के साथ अच्छा रिलेशन बनाने में मदद मिलेगी -
 
बच्चे के दोस्त बने 
टीनएज में बच्चों में बहुत सारे बदलाव आते हैं और उन्हें एक्स्ट्रा देखभाल की जरूरत होती है। टीनएजर बच्चों के माता-पिता को उनके साथ दोस्त बनकर रहना चाहिए। अगर आप बच्चों के साथ फ्रेंडली रिलेशन रखेंगे तो बच्चा आपके साथ खुल पाएगा और अपनी प्रॉब्लम्स को शेयर कर पाएगा। आप बच्चों के साथ मूवी देख सकते हैं, उनके साथ गेम खेल सकते हैं या फिर उनके साथ बाहर कहीं घूमने जा सकते हैं।

बच्चे को डांटे नहीं 
टीनएजर बच्चों में हार्मोनल बदलाव के कारण उन्हें गुस्सा ज्यादा आता है। ऐसे में अगर बच्चा कभी बात बात में गुस्सा होकर आपसे कुछ कह भी दे तो उसे ज्यादा डांटे नहीं। आप बच्चे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें और उसे प्यार से समझाएं। अपने बच्चे को उसके विचार व्यक्त करने की आजादी दें और उसकी बातों को ध्यान से सुनें। यदि बच्चा कोई गलती करें उसे प्यार से समझाएं।

बच्चे से खुलकर बात करें 
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपसे सब कुछ शेयर करें तो उससे हर टॉपिक पर खुलकर बात करें। आप भी अपनी टीनएज की बातें अपने बच्चे के साथ शेयर कर सकते हैं। इससे बच्चे के मन में विश्वास जगेगा और वह धीरे-धीरे आपसे जुड़ता चला जाएगा। आपसे इस तरह की बातें सुनकर वह भी अपनी बातें आपके साथ शेयर करने लगेगा।

बच्चे की तुलना न करें 
कभी भी अपने बच्चे की किसी और बच्चे के साथ तुलना न करें। ऐसा करने से आपके बच्चे के मन में हीन भावना जग सकती है। अगर बच्चा कुछ गलती भी करता है तो उसे डांटे नहीं। अपने बच्चे की प्रशंसा करें और उसे अच्छा करने के लिए मोटिवेट करें।

बच्चे की एक्स्ट्रा केयर करें 
इस उम्र में बच्चों को एक्स्ट्रा केयर और सपोर्ट की जरूरत होती है। टीनएज में बच्चे स्कूल, दोस्तों और पढ़ाई में उलझे होते हैं। इस उम्र में  बच्चे के अंदर कई बदलाव आते हैं जिनसे वे निपटने की कोशिश कर रहा होता है। ऐसे में आपको अपने बच्चे को पूरा सपोर्ट करना चाहिए और उसकी केयर करनी चाहिए।