गर्भावस्‍था के 9वें महीने में क्या करें और क्या न करें जाने विस्तार से

By Ek Baat Bata | Mar 02, 2020

गर्भावस्था का नौवां महीना (33वें सप्ताह से लेकर 36वें सप्ताह तक) यानी गर्भावस्था के आखिरी कुछ दिन, जिसके बाद आपका नन्हा मेहमान आपके हाथों में होगा। यकीनन, यह महीना कई तरह के भावनात्मक अनुभव लेकर आता है। साथ ही गर्भावस्था के इस आखिरी महीने में आपको और भी ज़्यादा सावधानियां बरतने की ज़रूरत होती है।

नौवें महीने के दौरान कुछ महिलाएं अपने बच्चे के स्वागत की तैयारियों में जुट जाती हैं, तो वहीं कुछ महिलाओं के मन में डिलीवरी को लेकर डर बना रहता है। खासतौर पर उन महिलाओं के मन में, जिनकी पहली बार डिलीवरी होने वाली हो। गर्भावस्‍था के दौरान हर महिला खुद से ज्‍यादा बच्‍चे के बारे में सोचती है। कई बार छोटी-छोटी गलतियां बच्‍चे के लिए बड़ा नुकसान बन जाती हैं। यदि आप प्रेग्नेंट हैं और गर्भ का नवां महीना चल रहा है, तो क्‍या-क्‍या सावधानियां बरतनी हैं आज के इस लेख में हम गर्भावस्था के नौवें महीने से संबंधित ज़रूरी बातें विस्तार से बताएंगे।

गर्भावस्था के नौवें महीने के लिए आहार

गर्भावस्था के 9वें महीने में खानपान को लेकर काफी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। तो आइए, पहले जानते हैं कि गर्भावस्था के नौवें महीने में आपको क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। 

गर्भावस्था के नौवें महीने में क्या खाएं?

फाइबर युक्त खाना : इसमें आप हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, ओट्स व दालें जैसी चीज़ें खा सकती हैं। इनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, जो आपके लिए काफी फायदेमंद है।

आयरन युक्त भोजन : इसमें आप पालक, सेब, ब्रोकली व खजूर जैसी चीज़ें अपनी डाईट में शामिल कर सकती हैं। अगर आप मांसाहारी हैं, तो चिकन और मीट भी खा सकती हैं।

कैल्शियम युक्त भोजन : गर्भावस्था में कैल्शियम युक्त भोजन खाना बेहद ज़रूरी है। इसके लिए आप डेयरी उत्पाद और दही आदि का सेवन कर सकती हैं।

विटामिन-सी युक्त भोजन : शरीर में आयरन को अवशोषित करने के लिए विटामिन-सी का होना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आप नींबू, संतरा, स्ट्रॉबेरी व टमाटर जैसी चीज़ों का सेवन कर सकती हैं, क्योंकी इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन-सी होता है।

फोलेट युक्ट चीज़ें : गर्भावस्था के दौरान फोलेट युक्त चीज़ें खाना बेहद ज़रूरी है। फोलेट की कमी से शिशु के रीढ़ की हड्डी या मस्तिष्क संबंधी प्रॉबल्म होने का खतरा रहता है। इसके लिए हरी पत्तेदार सब्जियों व बीन्स का सेवन करना चाहिए।

गर्भावस्था के नौवें महीने में क्या न खाएं?

ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो गर्भावस्था में बिल्कुल नहीं खानी चाहिए। तो चलिए जानते हैं गर्भावस्था के नौवें महीने में क्या-क्या चीज़ें नहीं खानी चाहिए :

कैफीन : गर्भावस्था में कॉफी, चाय और चॉकलेट जैसी चीजों से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इनमें कैफीन होता है, जो शिशु के लिए अच्छा नहीं होता। अगर आपको चाय या कॉफी की लत है, तो एक या दो कप चाय या कॉफी पी सकती हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर की राय लेना ज़रूरी है।

शराब और तंबाकू : गर्भावस्था में शराब का सेवन करना बिल्कुल मना है। इससे समय से पहले डिलीवरी या शिशु को किसी तरह का जन्म दोष होने का खतरा रहता है।

सॉफ्ट चीज़ : सॉफ्ट चीज़ जैसे की आईस-क्रीम कुल्फि में इस्तेमाल किया गया दूध गैर पॉश्चयरकृत होता, इसलिए इसे गर्भावस्था में बिलकुल नहीं खाना चाहिए। इससे ईनफैकस्न होने का खतरा रहता है।

जंक फूड : गर्भावस्था के दौरान जंक फूड या बाहर का कोई भी फूड खाने से बचें। ये चीज़ें आपके पाचन तंत्र को खराब करती हैं और इनमें पोषक तत्व भी नहीं होते हैं।

कच्चा मांस, अंडे व मछली : गर्भावस्था में उच्च मरकरी वाली मछली, कच्चा मांस व कच्चे अंडे न खाएं। इनसे बच्चे के विकास में बाधा पहुंचती है।

गर्भावस्था के 9 महीने के दौरान सावधानियां – क्या करें और क्या नहीं

हम सभी जानतें हैं की गर्भावस्था का नौवां महीना काफी नाज़ुक होता है और इस दौरान गर्भवती महिला को काफी सावधानियां बरतने कि जरूरत होती हैं। तो चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान स्त्री को करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

क्या करें?

आप चाहें तो स्विमिंग पूल में जाकर कुछ देर रिलैक्स हो सकती हैं। इससे आपका शरीर प्रसव के लिए तैयार होता है और आपको तनाव से राहत मिलती है।

इस दौरान गुनगुने पानी से नहाने से आपको काफी अच्छा महसूस होगा। ध्यान रहे कि पानी ज्यादा गर्म न हो।

अपने परिवार वालों के साथ समय बिताएं और आने वाले मेहमान के बारे में कुछ अच्छि और दिलचस्प बातें करें।

प्रसव के लिए अस्पताल जाने के लिए ज़रूरी सामान का बैग तैयार करें, ताकि प्रसव पीड़ा शुरू होते ही आप बैग उठाकर तुरंत अस्पताल पहुंच सकें।

अब नन्हे मेहमान के आने में ज्यादा समय नहीं है, इसलिए कुछ वक्त अपने लिए निकालें। डिलीवरी के बाद आप बच्चे की देखभाल में लग जाएंगी और हो सकता है अपने लिए वक्त कम मिले। इसलिए, अगर डॉक्टर बाहर जाने की सलाह देते हैं, तो अपने दोस्तों से मिलें, फिल्म देखें या फिर शॉपिंग करें इससे आपको अच्छा महसूस होगा।

क्या न करें?

आप इस दौरान बिल्कुल भी टेन्शन न लें। हम जानते हैं कि यह समय कुछ कठिन होता है, क्योंकि डिलीवरी को लेकर मन में थोड़ा सा डर रहता है, लेकिन आप उस समय के बारे में सोचें जब आपका नन्हा आपके सीने से लगा होगा।

नौवें महीने में जितना हो सके आराम करें और घर के कामों में खुद को ज्यादा न उलझाएं।

इस अवस्था में आप बिल्कुल भी पेट के बल नीचे की ओर न झुकें और भारी सामान तो बिल्कुल न उठाएं।

ज्यादा देर तक खड़ी न रहें, इससे आपको थकान हो सकती है जिसका सीधा असर बच्चे पर पड़ेगा।

पीठ के बल कभी न सोएं, ऐसा करने से गर्भाशय का भार रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है, जिससे पीठ में दर्द बढ़ सकता है।