शिशु के लिए जानलेवा हो सकता है ग्रे बेबी सिंड्रोम, जानें इसके लक्षण

By Ek Baat Bata | Feb 18, 2021

ग्रे बेबी सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ स्थिति है जो नवजात शिशुओं के शरीर में एंटीबायोटिक क्लोरैमफेनिकॉल के उच्च स्तर दुष्प्रभाव के कारण होती है। क्लोरैम्फेनिकॉल का इस्तेमाल कई बैक्टीरियल संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है, जैसे कि मेनिन्जाइटिस, टाइफाइड, आदि। जीबीएस कई गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है, लेकिन इस स्थिति को रोका जा सकता है।

ग्रे बेबी सिंड्रोम के कारण
ग्रे बेबी सिंड्रोम का प्राथमिक कारण नवजात शिशु के ब्लड सीरम में एंटीबायोटिक क्लोरैमफेनिकॉल का जमना है। क्लोरैम्फेनिकॉल का 50mcg / mL से अधिक का ब्लड सीरम लेवल ग्रे बेबी सिंड्रोम का कारण बन सकता है। क्लोरैम्फेनिकॉल के अधिक लेवल के कारण परिसंचरण तंत्र (सर्कुलेटरी सिस्टम) ख़राब हो सकता है जिससे शिशु की त्वचा का रंग बदल सकता है। नवजात शिशुओं में भूरे रंग की त्वचा के दिखने के कारण इस बीमारी को ग्रे बेबी सिंड्रोम कहा जाता है। 

ग्रे बेबी सिंड्रोम नवजात शिशुओं में निम्नलिखित कमियों के कारण हो सकता है -
लिवर के पूरी तरह से विकसित न होने पर क्लोरम्फेनिकोल को पचा न पाना
नवजात शिशु की किडनी के क्लोरम्फेनिकोल को ठीक तरह से शरीर से बाहर निकालने में असक्षम होना।

जब किडनी और लिवर ठीक तरह से काम करें तो क्लोरैमफेनिकॉल को पचा कर शरीर से बाहर निकल जाता है। हालाँकि, शिशुओं में ऐसा नहीं हो सकता है। यह एक कारण हो सकता है कि समय से पहले नवजात शिशु स्वस्थ और पूर्ण अवधि के शिशुओं की तुलना में ग्रे बेबी सिंड्रोम के लिए अधिक असुरक्षित हैं। यदि शिशु के ब्लड सीरम में क्लोरैम्फेनिकॉल का जमाव हो जाए तो दो से नौ दिनों के अंदर ग्रे बेबी सिंड्रोम के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं। 

ग्रे बच्चे सिंड्रोम के लक्षण -
उचित पोषण न मिलना
दुर्बलता
उल्टी
पेट में सूजन 
मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे सुस्ती 
त्वचा का रंग ग्रे होना 
लो ब्‍लड प्रेशर,
होंठ और त्वचा का नीला होना 
शरीर का तापमान कम होना 
सांस लेने में दिक्क्त 

यदि आपके नवजात शिशु में क्लोरैमफेनिकॉल लेने के बाद ग्रे बेबी सिंड्रोम का कोई लक्षण दिख रहा हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। यदि समय रहते इसका इलाज न करवाया जाए तो शिशु की मृत्यु भी हो सकती है।