प्रेगनेंसी में बहुत खतरनाक है रुबेला संक्रमण, जानें गर्भ में बच्चे को किस तरह करता है प्रभावित

By Ek Baat Bata | Jan 15, 2021

रुबेला, एक संक्रमण है जिसे जर्मन मीजल्स या जर्मन खसरा के नाम से भी जाना जाता है। यह संक्रमण रुबीना नाम के वायरस के कारण होता है। इस बीमारी में चेहरे पर गुलाबी-लाल चकत्ते उभरते हैं, जो बाद में शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल जाते हैं। यह वायरस करीब तीन दिन तक अपना असर दिखाता है, इसलिए इसे अक्सर 'तीन दिन का खसरा' भी कहा जाता है। इसकी चपेट में अक्सर बच्चे और युवा आते हैं। यह हवा और आपसी संपर्क के जरिए फैलता है।

रुबेला के क्या लक्षण हैं?
हल्का बुखार
गर्दन के पीछे लिम्फ नोड्स में सूजन
सर्दी-जुकाम 
गले में दर्द
आंखों में दर्द व संक्रमण 
मितली 

प्रेगनेंसी में गर्भ  में शिशु पर क्या असर होता है 
अगर प्रेगनेंसी में किसी महिला को यह संक्रमण हो जाए तो इससे महिला को कोई गंभीर नुकसान नहीं होता है। हालाकिं, इससे उसके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव होता है। प्रेगनेंसी में गर्भवती महिला को रूबेला संक्रमण होने पर मिसकैरिज हो सकता है। इससे बच्चे को गंभीर विकार भी हो सकते हैं, जिसे  कन्जेनिटल रुबेला सिंड्रोम (सीआरएस) के नाम से जाना जाता है।  
 

कन्जेनिटल रुबेला सिंड्रोम का शिकार होने पर ये दिक्क्तें हो सकती हैं - 

क्या है इलाज 
रुबेला संक्रमण का कोई विशेष उपचार मौजूद नहीं है। केवल वैक्सीन के द्वारा ही इससे बचाव हो सकता है इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन अवश्य लगवाएं। यदि आप प्रेगनेंट हैं और अपने रूबेला की वैक्सीन नहीं लगवाई है तो आप ज़्यादा सावधान रहने की जरूरत है। कोशिश करें कि यदि आपके आसा-पास किसी में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हों, तो उनसे दूर रहें। रुबेला, संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैलने वाली छोटी बूंदों के जरिए होता है। अगर आपमें रुबेला के लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। इसके अलावा अपनी व्यक्तिगत और अपने आस-पास की स्वच्छता का खास ख्याल रखें। हाथों को अच्छी तरह साफ करें और मुंह को ढंक कर रखें।