छोटे बच्चे भी हो सकते हैं तनाव का शिकार, ऐसे करें उनकी मदद

By Ek Baat Bata | Jan 13, 2022

अगर आपका हंसता-मुस्कुराता बच्चा अचानक से गुमसुम रहने लगा है तो हो सकता है कि वह तनाव का शिकार हो रहा हो। आमतौर पर तनाव को बड़े-बुजुर्गों की समस्या समझा जाता है। लेकिन आज के समय में दो-तीन साल तक के बच्चों से लेकर 16-17 साल की उम्र के बच्चों को भी किसी भी वजह से टेंशन हो सकती है। कई बार बच्चे अपने भावनात्मक और मानसिक तनाव को पेरेंट्स से खुलकर बता नहीं पाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप उसके व्यवहार में आ रहे बदलावों पर ध्यान दें और सही समय पर उसकी मदद करें। आज के इस लेख में हम आपको कुछ टिप्स देंगे जिनकी मदद से आप तनाव से जूझ रहे बच्चे की मदद कर पाएंगे - 

आजकल के बिजी शेड्यूल में पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पाते हैं। लेकिन बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए उनके साथ कुछ क्वालिटी टाइम जरूर बिताना चाहिए। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा किसी वजह से टेंशन में है तो उसके साथ वक्त बिताएं और उससे बातचीत करें। इससे वह अपने मन की बातें आपसे आसानी से कह पाएगा।

कई पेरेंट्स अपने बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों पर उन्हें डांटते या मारते हैं। इससे बच्चों के मन में पेरेंट्स के लिए डर और नफरत पैदा हो सकती है। अगर आप बच्चे की बात सुने बिना केवल उस पर अपने फैसले थोपते रहेंगे या छोटी-छोटी गलतियों पर उसे डांटेंगे तो वह आपसे अपनी बातें कहने से डरने लगेगा। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे के दोस्त बनें ताकि वह खुलकर अपनी बातें आपसे शेयर कर पाए।

अपने बच्चे के प्रति सपोर्टिव बनें और उसे किसी चीज के लिए प्रेशराइज ना करें। अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों को एग्जाम्स, खेल और दूसरे एक्टिविटीज में अव्वल आने के लिए दबाव डालते हैं जिससे बच्चों स्ट्रेस देने लगता है। अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें और उसे यह विश्वास दिलाएं कि चाहे वह हारे या जीते आप उसके साथ हैं।

अक्सर पेरेंट्स अपने बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। इससे बच्चा आपसे बातें छुपाने लगता है और स्कूल या बाहर कोई अनहोनी होने पर भी आप से नहीं बताता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपसे सब कुछ शेयर करें तो उसकी बातों को धैर्यपूर्वक सुनें।

कभी भी बच्चों के सामने कोई नेगेटिव बातें ना करें। अक्सर पेरेंट्स घर-परिवार से जुड़ी बातें या लड़ाई-झगड़ा बच्चों के सामने ही डिसकस करने लगते हैं जिससे बच्चों के मन में डर पैदा हो जाता है। बच्चों के सामने हमेशा पॉजिटिव बातें करें।

अगर बच्चा टेंशन में है तो घर में खुशहाल माहौल बनाएं। इसके लिए आप उसके साथ खेलें, उसके साथ कोई एक्टिविटी करें या उसे बाहर घुमाने ले जाएं। इसके अलावा आप बच्चे को किसी डांस क्लास, स्विमिंग या उसकी पसंद की एक्टिविटीज में दाखिला दिला सकते हैं। इससे उसका ध्यान दूसरी जगहों पर जाएगा और वह टेंशन कम लेगा।  

अगर यह सब कुछ करने के बाद भी बच्चे की टेंशन खत्म ना हो रही हो तो उसे साइकेट्रिस्ट के पास ले जाएं। अक्सर बच्चे की टेंशन को कंट्रोल करने के लिए उसे काउंसलिंग की जरूरत होती है।