Parenting Tips: स्क्रीन टाइम नहीं इस चीज से है बच्चों को असली खतरा, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
            
                
                    
                
                
                
                    
                
            
            
                By Ek Baat Bata | Oct 24, 2025
            
         
        
        
            आज के समय में हर पेरेंट्स बच्चे की सेहत और पढ़ाई की चिंता करते हैं। लोग सोचते हैं कि मोबाइल और टीवी देखना बच्चे के लिए सबसे बड़ा खतरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि असली खतरा इससे भी अधिक गहरा हो सकता है। अगर पेरेंट्स बच्चों की असली जरूरतों को नहीं समझते हैं, तो उनका भविष्य खतरे में पड़ सकता है। यह बात हर पेरेंट्स को जानना चाहिए, जिससे वह अपने बच्चों को सही तरीके से पाल सकें। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम से ज्यादा खतरनाक क्या है।
भावनात्मक दूरी
आजकल बहुत सारे पेरेंट्स काम में बहुत व्यस्त रहते हैं। वह बच्चों को अच्छा समय नहीं दे पाते हैं और जब बच्चा उनसे अपनी बात बताना चाहते हैं। तो उसको कोई सुनता है। इससे बच्चा अकेला और दुखी महसूस करता है।
तुलना करना
कई बार पेरेंट्स दूसरों के बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करने लगते हैं। पेरेंट्स सोचते हैं कि इससे बच्चा अच्छा करने लगेगा। जबकि ऐसा करने से बच्चे का आत्मविश्वास कम होने लगता है। बच्चे को उसके द्वारा की जाने वाली मेहनत के लिए सराहना चाहिए।
टोकना या कंट्रोल करना
अगर आप हर छोटी बात पर बच्चे को टोकेंगे या फिर रोकेंगे, वह खुद को आजाद नहीं महसूस करेगा। बच्चे को गलती करने और उस गलती से सीखने का मौका देना चाहिए। अधिक कंट्रोल करने से बच्चा डर जाता है और आपसे हर बार छिपाने लगता है। इसलिए आजादी और भरोसा देना बेहद जरूरी होता है।
भावनाओं को नजरअंदाज करना
जब बच्चे पेरेंट्स को अपने दिल की बात बताते हैं, तो उनकी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए। क्योंकि अगर आप उनकी बात को टाल देंगे या फिर मजाक में उड़ाएंगे, तो वह दुखी हो सकते हैं। इससे बच्चे का दिल छोटा हो जाता है और वह आपसे बातें शेयर करने में हिचकिचाएंगे। इसलिए बच्चों की भावनाओं को समझना और सम्मान देना पेरेंट्स के लिए जरूरी है।