जानिए भारतीय शादियों की कुछ ऐसी रस्में जो हैं सबसे हटके

By Ek Baat Bata | Sep 05, 2020

शादी हर किसी की जिंदगी का सबसे हसीन लम्हा होता है। यह सिर्फ दो दिलों का ही मेल नहीं बल्कि दो अलग अलग संस्कृति दो अलग-अलग परिवारों का मिलन होता है, दो जिंदगीयों का मिलन होता है। ऐसा माना जाता है कि जब दो अजनबी शादी के रिश्ते में बंध जाते हैं तो यह बंधन एक जन्म के लिए ना होकर बल्कि सात जन्मों के लिए बन जाता है। कुछ रस्मे जोकि इस रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाती है। ऐसी ही कुछ अलग-अलग रस्में जोकी शादी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। दुनिया की अलग-अलग जगहों में अलग-अलग संस्कृतियों की अपनी रस्में और रिती रिवाज होते है। परंतु भारतीय शादियों की बात कुछ अलग ही होती है। भारत में शादियों में ऐसी रस्में है जो हर किसी को शादी के जशन में खो देती हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि कौन सी रस्में और कौन सी रिवाज है जो भारतीय शादियों को बाकियों से अलग बनाती हैं। 

1.मेहंदी

हमारे यहां भारतीय संस्कृति में मेहंदी को सुहाग की निशानी माना जाता है। यही कारण है कि शादी की रस्मों की सबसे पहले शुरुआत इसी अहम रस्म के साथ होती है। मेहंदी जब नई दुल्हन के हाथों में चढ़ती है तो दुल्हन का रंग - रूप और उभर कर निखर कर आता है। ऐसा माना जाता है कि मेहंदी जितनी गाढ़ी रहती है उतना ही गहरा दुल्हन और दूल्हे का रिश्ता होता है। मेहंदी के रंग के साथ प्यार के बंधन और शादी के बंधन को जोड़ा जाता है। दुल्हन के हाथ में मेहंदी से दूल्हे का नाम छुपा कर लिखा जाता है, इसके बाद इस रस्म में दुल्हन के साथ उसके सभी रिश्तेदार सखी सहेली और घर वाले हाथों में मेहंदी लगाते हैं। इस रस्म को सब लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं झूम कर नाचते हैं और मस्ती करते हैं।

2.हल्दी

हल्दी की रस्म भी भारत में शादियों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन दोनों परिवारों के मुख्य लोग हल्दी लगाते हैं और खुशी मनाते है। ऐसा माना जाता है कि हल्दी का रंग बहुत शुभ होता है और हल्दी का शुभ कामों में इस्तेमाल किसी भी अशुभ या नकारात्मक शक्ति से बचाता है। साथ ही साथ हल्दी रूप को निखारती है इसलिए इसका प्रयोग दूल्हा और दुल्हन पर किया जाता है। यह रस्म वैसे तो शादी के 1 दिन पहले या उसी दिन होती है। इसे भी घर वाले लोग बड़ी धूम-धाम से मनाते है। कई जगहों पर यह भी रिवाज है कि दुल्हन को लगने वाली हल्दी दूल्हे के घर लाई जाती है और दूल्हे को लगने वाली हल्दी दुल्हन के घर लाई जाती है। माना जाता है कि हल्दी का यह लेना देना दूल्हे और दुल्हन को एक दूसरे के प्यार के रंग में और अधिक गहरा रंग देता है।

3.कलीरा गिराने की रसम 

शादी की एक अनोखी रसम है कलीरा गिराना। यह रसम सबसे ज्यादा नई दुल्हन और उसकी बहनों और सहेलियों के लिए होती है। इस रसम में नई दुल्हन के हाथ में कलीरे बांधे जाते हैं और वह कलीरा को अपनी सहेलियों पर गिराती है। अगर कलीरे का कोई भी हिस्सा किसी भी लड़की पर गिरता है तो माना जाता है कि जल्दी ही उसकी भी शादी हो जाएगी।

4.सेहरा बांधना

यह रसम दूल्हे के सर पर सेहरा पहनाने की होती है। यह सेहरा दूल्हे के जीजा या कोई दूसरा सदस्य दूल्हे को पहनाता है। भारतीय शादियों में सेहरा बांधने की रसम को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। बारात निकलने के पहले ये रस्म होती है और यह रस्म अपनी नई जिंदगी में कदम रखने की पहली सीढ़ी मानी जाती है। इसमें सभी लोग मिलकर दूल्हे को आशीर्वाद देते हैं और जैसा कि बताया कोई भी एक सदस्य दूल्हे के सर पर सेहरा बांधता है, जो भी व्यक्ति सेहरा बांधाता है उसे शगुन के तौर पर अच्छा उपहार दिया जाता है।

5.जूता चुराई

यह तो भारत की सबसे मशहूर और उत्साह, मजे वाली रस्म है क्योंकि शादी में केवल 2 लोग ही नहीं बल्कि दो परिवारों का मेल होता है। रसम में दोनों परिवारों के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। जूता चुराने की रसम में नई नवेली दुल्हन की बहने या सहेलियां दूल्हे के जूते छुपा देती हैं और अपनी इच्छा के अनुसार नेग मांगती है और जब तक दूल्हा अपनी सालियों को उनकी मर्जी के हिसाब से नेग नहीं दे देते तब तक सालियां उनके जूते वापस नहीं करती हैं। यह रसम जीजा साली में नोकझोंक वाली रसम है इसमें दोनों ही परिवार खूब मस्ती करते हैं।

6.विदाई के समय चावल उछालने की रसम

हिंदू धर्म में शादी हो या कोई भी शुभ कार्य चावल का प्रयोग अधिक होता है। माना जाता है कि चावल सुख और शांति का प्रतीक होता है। चावल उछालने की रस्म विदाई के समय की जाती है। जब नई दुल्हन परिवार से विदाई लेती है तो घर से निकलते वक्त घर की तरफ चावल उछलते हुए जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि उसका मायका हमेशा धन-धान्य से भरा रहे। ऐसी मान्यता है कि यह दुल्हन का अपने परिवार द्वारा दिए प्यार का आभार जताने का संकेत होता है।

7.वर और वधू का ग्रह प्रवेश 

जब नई दुल्हन शादी करके पहली बार अपने नए घर में प्रवेश करती है तो सबसे पहले उसके हाथों में हल्दी लगाई जाती है, उसकी छाप घर के बाहर लगवाई जाती है। यह छाप इस बात की निशानी होती हैं कि अब दुल्हन पूरी तरह से दूल्हे के घर, उसके जीवन का हिस्सा बन चुकी है, हर सुख दुख में अब वह उसका साथ देगी।

8.अंगूठी ढूंढने की रसम 

यह रस्म दूल्हा - दुल्हन के घर में आने के बाद की जाती है। इसमें एक बड़े से बर्तन में दूध हल्दी गुलाब की पंखुड़ियां केसर पानी यह सब मिलाकर रख देते हैं और फिर इस बर्तन में एक अंगूठी डाल दी जाती है। यह अंगूठी वर और वधू साथ मिलकर ढूंढते हैं और भारतीय शादियों में मान्यता है कि जो पहले अंगूठी ढूंढ लेता है उसी की बात जीवन भर मानी जाती है और वही दूसरे पर हावी रहता है।है।

यह थी भारतीय शादियों की कुछ ऐसी रस्में जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। दोनों ही पक्ष के लोग शादी के नृत्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और इनका लुफ्त उठाते है।