जानें क्या होता है एपिड्यूरल एनेस्थेसिया और यह कैसे लेबर पेन को कम करता है

By Ek Baat Bata | Dec 28, 2020

आजकल कई महिलाऐं नॉर्मल डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द से बचने के लिए सी-सेक्शन का विकल्प चुनती हैं। लेकिन एक ऐसा तरीका भी है जिसकी मदद से नॉर्मल डिलीवरी के दौरान लेबर पेन से बचा जा सकता है। आजकल महिलाऐं नॉर्मल डिलीवरी के दौरान लेबर पेन से बचने के लिए एपिड्यूरल एनेस्थेसिया (Epidural anesthesia) का इस्तेमाल करने के लिए कहती हैं। इससे बिना किसी तकलीफ के वेजाइनल बर्थ संभव होता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि एपिड्यूरल एनेस्थेसिया क्या होता है और क्या हर प्रेगनेंट महिला के लिए एपिड्यूरल एनेस्थेसिया लेना ठीक रहता है -

एपिड्यूरल एनेस्थेसिया लेबर के दौरान होने वाले दर्द से राहत दिलाने का का सबसे अच्छा तरीका है। नॉर्मल डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए इन दिनों अस्पताल में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। एपिड्यूरल एनेस्थेसिया एक प्रकार का इंजेक्शन है, जिसे लेबर पेन को कम करने के लिए लगाया जाता है। इसमें  पेनकिलर दवाएं रीढ़ की हड्डी में दी जाती हैं, जो दर्द के एहसास को रोक देती है। डॉक्टर्स के मुताबिक एपिड्यूरल एनेस्थेसिया इन दिनों आम हो रहा है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं में दर्द के बिना वैजाइनल डिलीवरी कराना चाहती हैं।
 

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एपिड्यूरल एनेस्थेसिया पेट, पेल्विक एरिया और पैरों को प्रभावित करता है। रीढ़ की हड्डी के एक विशेष स्थान जिसे एपिडलल स्पेस कहा जाता है, वहां एक एस्थेटिक दवा डाली जाती है। यह प्लास्टिक ट्यूब से बने एक छोटे कैथेटर के माध्यम से दिया जाता है। जब महिला को लेबर पेन हो रहा होता है, तब यह रीढ़ की हड्डी के अंदर और स्पाइनल कॉर्ड में दाखिल कराई जाती है।

एपिड्यूरल डिलीवरी के दौरान उतपन्न होने वाले ऑक्सीटोसिन हार्मोन के साथ छेड़छाड़ करता है, जिससे प्रसव धीमा हो जाता है। यह प्रसव के दौरान प्रभावी ढंग से पुश करने की आपकी क्षमता को प्रभावित करता है। इसके अलावा, आप कुछ महसूस नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है।

एपिड्यूरल किस के लिए ठीक नहीं है?
यह प्रक्रिया सभी के लिए ठीक नहीं होती है। जो महिलाएँ पीठ में किसी प्रकार के इंफेक्शन या रीढ़ की हड्डी, रीढ़ का जोड़ या पीठ दर्द जैसी समस्याओं से पीड़ित हों, या जिनका ब्लड शुगर लेवल लो हो, उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसके अलावा जो गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान नसों में खून  के थक्के बनने से बचने के लिए ब्लड थिनर ले रही हैं, उन्हें भी एपिड्यूरल नहीं लेना चाहिए। खून से जुड़ी हुई किसी भी प्रकार की समस्या से पीड़ित महिलाओं को भी इस इंजेकशन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

एपिड्यूरल के दुष्प्रभाव
सांस लेने में दिक्कत
उल्टी
कमजोरी
भारीपन की समस्या
लो ब्लड प्रेशर  उल्टी की शिकायत भी हो। इससे आपको ठंड कंपकपी लग सकती है। एपिड्यूरल लगाते समय दर्द हो सकता है, इसलिए इस दौरान स्थिर पेशाब संबंधी समस्या
लेट डिलीवरी