आप भी कर रहे हैं बच्चे की प्लानिंग तो जानिए किस मौसम में शारीरिक सम्बन्ध बनाना है सबसे सही

By Ek Baat Bata | Sep 19, 2020

महिला अपने जीवन में कितनी भी सफल हो जाए या फिर उसे कितनी भी खुशियां मिल जाए वह अपने आप को संतुष्ट नहीं कर पाती है। लेकिन उसके जीवन में एक ऐसा क्षण आता है जिस वह समय बहुत ही ज्यादा खुश और उत्साहित हो जाती है। जब यह समय आता है तो महिला अपने आप को बहुत ज्यादा खुश नसीब और सौभाग्य वाली समझती है। आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार महिला के जीवन में ऐसा कौन सा सुख है जोकि उसकी सफलता या अन्य खुशियों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।हम आपको बताते हैं कि ऐसी कौन सी खुशी है जिसके कारण महिला अपने आप को बहुत ही ज्यादा सौभाग्यशाली समझती है। वैसे तो महिला के जीवन में खुशी के कई सारे मौके आते हैं जैसे कि उनका विवाह, अपने परिवार से अच्छे संबंध, अपने जीवनसाथी से अच्छे संबंध, यह सब चीजें उसे काफी खुशियां देते हैं। लेकिन जब वह एक मां बनती है तो सारी खुशियां एक तरफ हो जाती हैं और मां बनने की खुशी एक तरफ हो जाती है। जब भी महिला मां बनती है तो वह अनमोल खुशी सिर्फ उसे ही महसूस होती है। मां बनना हर महिला का सबसे सुंदर और सबसे महत्वपूर्ण सपना होता है जो उसके जीवन को और भी ज्यादा खूबसूरत कर देता है। कोई भी महिला पहली बार मां बनें या फिर कई बार लेकिन उसकी खुशी हर बार अनोखी और अनमोल होती है। मां बनने के एहसास को मात्र महिला ही समझ सकती है, उससे जुड़े आनंदित और रोमांच को बस एक महिला ही महसूस कर सकती है। एक बच्चे को जन्म देना या एक जीवन को दुनिया में लेकर आना एक महिला के लिए बहुत बड़ी बात होती है। भगवान के बाद अगर किसी को सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है, जीवन दाता कहा जाता है वह मां है। एक महिला के लिए भी मां बनने का मतलब दूसरा जीवनदान होता है। जब एक बच्चा घर में जन्म लेता है तो पूरे घर और परिवार में रौनक ही आ जाती है। लेकिन गर्भवती होना, स्वस्थ बच्चे को जन्म देना दुनिया की सबसे मुश्किल परिस्थिति है क्योंकि गर्भ वस्था के दौरान महिलाओं को कई सारी परेशानियों से भी जूझना पड़ता है साथ ही अपने साथ-साथ अपने बच्चे का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। जब एक महिला गर्भवती होती है तो उसे आहार अपनी इच्छा अनुसार नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य अनुसार खाना पड़ता है। बहारों का चुनाव करती है जो उसके बच्चे को स्वस्थ बनाए और उससे शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोषण पहुंचाएं। लेकिन बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए केवल अच्छे आहार या फिर स्वास्थ्य का ध्यान ही काफी नहीं होता। यदि आप अपने बच्चे को संपूर्ण रूप से स्वस्थ और बलशाली बनाना चाहते हैं तो आपको कई बातों का ध्यान रखना होगा। गर्भधारण करने के लिए जितना शारीरिक संबंध जरूरी होता है उतना ही यह भी जरूरी होता है कि आप किस समय अपने जीवन साथी के साथ शारीरिक संबंध बना रहे हैं। समय का बच्चे के ऊपर अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है। शादीशुदा लोगों को सही समय पर ही शारीरिक संबंध बनाने चाहिए ताकि महिला को गर्भधारण करने के समय उनके शरीर में किसी भी तरह की परेशानी ना आए। यदि आप सही समय पर गर्भवती नहीं होती या फिर गर्भधारण नहीं करती तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि किस मौसम में या किस समय आपको शारीरिक संबंध बनाने चाहिए और गर्भधारण करना चाहिए जिससे कि आपके बच्चे का संपूर्ण विकास हो और वह अपने जीवन मे हर तरह से सफल हो। इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि किस दिन या किस समय सारिक संबंध बनाना चाहिए ताकि सही समय पर गर्भधारण करने में आपको मदद मिले।

वैसे तो सही तरह से गर्भवती ना होने के महिलाओं के पास कई तरह के कार्य होते हैं। शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण की वजह से भी है सही तरह से गर्भधारण नहीं कर पाती। इन सब कारणों के अलावा एक कारण यह भी देखा गया है कि दंपत्ति इस बात से अनजान होते हैं कि उन्हें किस समय सेक्स करना चाहिए या उसके सही समय पर करने से क्या मायने हैं। सही समय में सेक्स करने से परिणाम जल्दी और अच्छा मिलता है।

सेक्स करने का सही मौसम

क्या आपको पता है कि हमारी रितु यानी हमारे मौसम हमारे ऊपर मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप से भी काफी असर करते हैं। एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि यदि कोई दंपत्ति सर्दी और वसंत के मौसम में शारीरिक संबंध बनाते हैं और उन मौसम में गर्भ धारण करते हैं तो वह उनके लिए बहुत ही सही समय होता है। अन्य मौसमों की तुलना में वसंत और सर्दी का मौसम गर्भधारण करने के लिए बहुत ही अच्छा होता है। इन दोनों मौसम में ही शारीरिक संबंध बनाने का महत्वपूर्ण कारण यह भी देखा गया है कि इस समय पुरुषों के शुक्राणु अधिक स्वस्थ होते है और उनकी गति भी अधिक होती है। इजराइल की बेन गुरियन यूनिवर्सिटी में किये गए इस शोध के दौरान छह हजार से अधिक पुरुषों के शुक्राणुओं की जाँच की गई और इसमें यह पाया गया कि शुक्राणु सर्दियों और वसंत के मौसम भी अधिक सक्रिय और स्वस्थ होता है। शोधकर्ताओं ने माना कि वसंत के बाद इनकी सक्रियता और गुणवत्ता में कमी आने लगती है। साथ ही सर्दियों और वसंत के बाद शरीर के अंदर इनकी संख्या भी कम होने लगती है। यदि आप अपने दंपति जीवन में खुशियां चाहते हैं तो आपको गर्भधारण सही समय पर कर लेना चाहिए। साथ ही कुछ अन्य बातों को ध्यान रखना चाहिए। 

ओव्यूलेशन के समय

गर्भ धारण करने से पहले उसके कई तरह के प्रोसेस होते हैं। उनमें से एक प्रोसेस मासिक धर्म से संबंधित होता है। गर्भधारण करने के लिए महिलाओं को अपने मासिक धर्म के चक्र का बहुत ही ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान सेक्स करने से महिलाओं में गर्भधारण की संभावनाएं बहुत ज्यादा होती है। मासिक चक्र के सात दिन बाद से ओव्यूलेशन साइकिल शुरू होती है। इस समय महिला के गर्भादान में अंडा 12 से 24 घंटे तक रहता है। इस समय को वैज्ञानिक भाषा में फर्टाइल स्टेज भी कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि पुरुष के शुक्राणु महिला की योनि के अंदर अंडे से मिलन की तलाश में घूमते रहते है। आमतौर पर आपने पढ़ा होगा कि एम्ब्र्यो और स्पाम के मिलान से बच्चा होने की प्रक्रिया शुरू होती है और यह बात सच भी है। इसलिए शादीशुदा दंपत्ति को इस समय 72 घंटे में कम से कम एक बार सेक्स जरूर करना चाहिए। साथ ही पुरुष को ध्यान रखना चाहिए कि इस दौरान वह महिला के ऊपर हो ताकि किसी भी प्रकार से स्पर्म का लीकेज न हो पाए।

सुबह का समय

लंबे समय से हम सुनते आए हैं कि सुबह करने वाला हर काम सफल होता है चाहे हम शिक्षा करें या फिर अपने घर का काम, सभी काम सुबह के समय सफल होते हैं क्योंकि सुबह के समय मनुष्य का शरीर काफी तरोताजा और स्वस्थ होता है साथ ही सुबह के समय लोगों को ज्यादा तनाव नहीं होता। इस समय शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण करने की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ जाती है।

सही उम्र में करें प्लानिंग

किसी भी काम करने की या सफलता पाने की एक उम्र होती है यदि उस सीमित उम्र में व्यक्ति अपने उस काम को या फिर मुकाम को हासिल कर लेता है तो वह जीवन में सफल और खुशियों से भरा रहता है। इसी तरह ही शादीशुदा जिंदगी में भी गर्भधारण करने की एक आयु होती है। यदि महिला उस आयु में गर्भ धारण करती है तो उसको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती। पहले के समय में शादी काफी कम उम्र में कराई जाती थी लेकिन समय के साथ-साथ यह बदलता गया और आज के समय में शादी ज्यादा उम्र में होती है। ज्यादा उम्र में शादी करने से महिलाओं को शारीरिक तौर पर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्यादा उम्र पर शादी करने से गर्भ धारण करने में काफी तरह की समस्याएं आती हैं और आज के समय में ज्यादा उम्र पर शादी करने के साथ-साथ पति पत्नी फैमिली प्लानिंग शुरू करने के लिए करीब 2 से 3 साल का वक्त लेते हैं जिसकी वजह से भी गर्भधारण करने में महिलाओं को समस्या होती है। एक शोध के अनुसार माना जाए तो 12 से 24 साल की उम्र गर्भधारण करने के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है क्योंकि इस दौरान महिला शारीरिक और मानसिक तौर पर तैयार रहती है और वह मां बनने के लिए बिल्कुल तैयार होती हैं।