मेनोपॉज़ के दौरान भी इन स्थितियों में हो सकतीं हैं प्रेग्नेंट, हो जाएं सावधान

By Ek Baat Bata | Jan 08, 2020

माँ बनना हर महिला के जीवन का एक प्यारा पल होता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना होता है कि एक उम्र तक ही महिला माँ बन सकती है। महिला में मेनोपॉज  होने की वजह से वो माँ नही बन सकती, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। मेनोपॉज़ हर महिला को होना एक आम बात होती है, जिसमें माँ बनने के चांस थोड़े कम हो जाते हैं लेकिन कभी भी खत्म नहीं होते। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को काफी मानसिक और शारारिक स्थितियों से जुगरना पड़ता है। मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं में प्रजनन की क्षमता कम हो जाती है लेकिन इसके बावजूद महिला गर्भवती हो सकती है।

मेनोपॉज़ में गर्भवती हो सकती है महिला- अगर आप ऐसा सोच रहीं हैं कि मेनोपॉज़ के दौरान महिला गर्भवती नहीं हो सकती तो ये गलत है मेनोपॉज़ के दौरान भी महिला गर्भवती हो सकती है। महिला 50 की उम्र तक आराम से गर्भधारण कर सकती है और मेनोपॉज़ के दौरान भी। महिला को आमतौर में 45 से 50 साल की उम्र में मेनोपॉज़ आना यानी रजोनिवृत्ति की स्थिति भी कहते हैं।

मेनोपॉज़ कब शुरू होता है- 45 से 50 साल की उम्र में जब महिला को एक साल तक पीरियड्स नहीं आते तो उसका मतलब महिलाओं में रजोनिवृत्ति की प्रक्रिया शुरू होने लग गई है। आमतौर पर महिला में मेनोपॉज़ की दो स्थिति बनती है जिसमें पोस्टमेनोपॉज़ और पेरीमेनोपॉज़ होता है। पेरीमेनोपॉज़ रजोनिवृत्ति के 8 से 10 साल पहले से होने लगती है। ये स्थिति मेनोपॉज़ के लिए शरीर को तैयार करने के लिए आती है, पेरीमेनोपॉज़ को रजोनिवृत्ति का ट्रांजिशन भी कहते हैं। पोस्टमेनोपॉज़ तब होता है, जब एक महिला को 12 महीने से पीरियड्स होना बंद हो जाते, तो इस अवस्था को पोस्ट मेनोपॉज़ कहते हैं।

मेनोपॉज़ में होने वाले लक्षण-  मेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं में कमर दर्द, सिरदर्द और थकान होना आम बात है। मेनोपॉज़ में सबसे ज्यादा हॉट फ्लैश होने लगता है जिसकी वजह से अचानक शरीर में अधिक गर्मी या उबाल आने लगती है। शरीर में गर्मी निकलने से थोड़े-थोड़े देर में पसीने से भीगने लगते है। हॉर्मोन्स में परिवर्तन के कारण मानसिक और शारारिक स्थिति में बदलाव आते है।

हॉर्मोन्स में बदलाव होने से मानसिक स्थिति में अजीब-अजीब से सवाल उठने लगते है, अधिकतर महिलाऐं तो डॉक्टर के पास जाकर दवाइयाँ खाने लग जाती है।

मेनोपॉज में गर्भावास्था के रिस्क- मेनोपॉज़ के दौरान महिला की गर्भावस्था की स्थिति काफी नाजुक है, जिसकी वजह से बच्चे और माँ के लिए जोखिम काफी बढ़ने लगते है। बढ़ती उम्र में गर्भधारण करने में काफी रिस्क रहते है जैसे- गर्भपात और स्टिलबर्थ,एक्टोपिक गर्भावस्था, समय से पहले बच्चे का जन्म होना, प्लेसेंटा प्रेविया(ये ऐसी स्थिति है जहाँ प्लेसेंटा गर्भ के नीचे आ जाता है। जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना और सिजेरियन डिलीवरी होना।