अगर पहली बार रखने जा रही हैं हरतालिका तीज का व्रत तो जान लें पूजा की सही विधि

By Ek Baat Bata | Sep 08, 2021

हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है। यह व्रत सुगहिन महिलाओं और कुँवारी कन्याओं के लिए बहुत खास होता है। इस दिन विवाहित महिलाऐं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस बार यह त्योहार 09 सितंबर (गुरुवार) को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएँ अखंड सौभाग्य की कामना और अपने पति की दीर्घायु के लिए निराजल व्रत करती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह व्रत माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। अविवाहित कन्याएं भी अच्छे पति की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड और राजस्थान में मनाया जाता है। आज के इस लेख में हम आपको हरतालिका तीज की पूजन विधि बताने जा रहे हैं - 

पूजा की सामग्री
पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र, केले के पत्ते, धतूरा, तुलसी, कलश, अबीर, चंदन, तेल, घी, कपूर, दही, चीनी, शहद, दूध और भगवान शिव-पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा बनाने के लिए शुद्ध मिट्टी। 

देवी पार्वती के श्रृंगार के लिए सामग्री
चुनरी, साड़ी, चूडियाँ, महावर, नथ, सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, कुमकुम, कंघी, नेलपॉलिश। 

सास की सुहाग की थाली के लिए सामग्री 
साड़ी, बिंदी, बिछिया, चूड़ी, मेहंदी, महावर, नेलपॉलिश, कुमकुम, कंघी, मिठाई, फल और दक्षिणा 

हरतालिका तीज पूजन विधि 
हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
अब मंदिर में एक चौकी पर केले के पत्ते रखकर भगवान शंकर माता पार्वती और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
अब भगवान को धूप, दीप, पुष्प, अक्षत और मिठाई अर्पित करें।इसके बाद माता पार्वती को सुबह की सारी वस्तुएं अर्पित करें और भगवान शिव को भी वस्त्र अर्पित करें। गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।
इसके बाद भगवान के समक्ष घी का दीपक जलाएं और माता पार्वती गणेश जी और भगवान शिव को तिलक लगाएं।
हरितालिका तीज की कथा सुने और भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की आरती पढ़ें।
अंत में भगवान को भोग लगाएं और सभी में बांटें।