खराब और बिजी लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण शरीर उम्र बीमारियों की चपेट में आ जाता है। वहीं आज के समय में 70 की उम्र में बिना दवा के जीना किसी सौभाग्य से कम नहीं है। अगर आप 70 की उम्र तक भी हेल्दी रहना चाहती हैं, तो हम आपको दादी नानी के कुछ अचूक नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको और आपकी आने वाली पीढ़ियों को भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकती हैं।
खजूर
खजूर एक कमाल का सुपरफूड है, जिसको बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को अपनी डेली डाइट में शामिल करना चाहिए। यह पोषण का पावरहाउस है और आयुर्वेद में इसको 'बल्य' कहा जाता है। आप खजूर को सीधे तौर पर या फिर पानी में भिगोकर खा सकती हैं। लेकिन जितनी भूख लगी हो, सिर्फ उतनी मात्रा में लें। सुबह और शाम के हल्के नाश्ते के तौर पर भी खजूर खा सकती हैं। यह आपके शरीर को ताकत देता है और पूरा दिन फुर्तीला बनाकर रखता है।
खजूर के फायदे
शरीर में नई जान डालने में सहायता करता है।
खजूर खाने से यूरिन बढ़ता है और यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
खजूर आपके दिल को मजबूत और हेल्दी रखता है।
खजूर दिमाग की नसों को मजबूत बनाता है और मन को शांति देता है।
यह दिल और दिमाग को शांत करता है।
रोजाना वॉक है जरूरी
किसी भी उम्र में इस बात को याद रखें कि 'शरीर को हिलाना ही औषधि है' यानी की चलना-फिरना ही दवा है। खुद को हेल्दी और तरोताजा रखने के लिए शरीर का हिलते-डुलते रहना जरूरी होता है।
इसलिए रोजाना कम से कम 25-30 मिनट वॉक जरूर करें। इसके अलावा आप नॉर्मल एक्सरसाइज भी कर सकती हैं। वहीं सूक्ष्म व्यायाम करने से शरीर के जोड़ों और मसल्स को धीरे-धीरे लचीला बनाता है। यह बढ़ती उम्र में काफी फायदेमंद होता है।
एकसरसाइज के फायदे
इससे मसल्स और हड्डियां मजबूत होती हैं, दिल हेल्दी बनता है और वेट कंट्रोल में रहता है।
यह तनाव और चिंता को कम करके मूड को अच्छा बनाता है और दिमाग को भी तेज करता है।
रोजाना व्यायाम करने से एनर्जी बढ़ती है और आप पूरा दिन एक्टिव महसूस करती हैं।
व्रत करें
अगर आप सही तरीके से व्रत करते हैं, तो यह आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करता है और मेंटल हेल्थ को सही रखने का यह सबसे अच्छा तरीका है। व्रत रखने से सेहत सही रहती है और साथ ही आपको मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक फायदे भी मिलते हैं।
व्रत के फायदे
व्रत करने से डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम मिलता है। यह समय उसे खुद को ठीक करने और मजबूत करने का मौका होता है।
यह शरीर की गंदी चीजों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।
व्रत इंसुलिन के प्रति शरीर की सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने का काम करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
व्रत के दौरान काफी महिलाएं फोकस महसूस करती हैं।