योगिनी एकादशी पर इस तरह करें भगवान विष्णु का पूजन, जान लें इस व्रत के नियम

By Ek Baat Bata | Jun 28, 2021

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत को सर्वश्रेठ माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 5 जुलाई 2021 (सोमवार) को रखा जाएगा। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है और व्रत किया जाता है।
आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होती है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है। मान्यताओं के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन विधिपूर्वक व्रत-पूजन करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है। आज के इस लेख में हम आपको योगिनी एकादशी की पूजन वधि और नियम बताने जा रहे हैं - 

योगिनी एकादशी पूजन विधि
योगिनी एकादशी के दिन सुबह प्रात: जल्दी उठ कर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें।
इसके बाद मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करके उन्हें स्नान करवाएं और साफ धुले हुए वस्त्र पहनाएं।
भगवान विष्णु के समक्ष धूप-दीप प्रज्वलित करें और उनकी विधि- विधान से पूजा करें।
भगवान को फल, फूल, मिष्ठान आदि अर्पित करें और उनकी आरती करें।
योगिनी एकादशी के दिन व्रत कथा अवश्य पढ़ें।
भगवान विष्णु को भोग लगाएं और प्रसाद घर में सभी को बांटे और खुद भी ग्रहण करें।
अगले दिन द्वादशी तिथि के दिन पारण करें।

एकादशी व्रत के नियम
एकादशी व्रत में अन्न का सेवन वर्जित है इसलिए दशमी तिथि को सूर्यास्त के अन्न ग्रहण न करें।
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि पर विष्णु जी को भोग लगाने व ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद किया जाता है। 
एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए। 
एकादशी व्रत में हरि भजन करना चाहिए और झूठ-कपट आदि से दूर रहें।