Parenting Tips: बच्चे का खुद से बातें करना उनके व्यक्तित्व पर डालता है ऐसा असर, जानिए इसके फायदे

By Ek Baat Bata | Mar 22, 2024

हम में से बहुत से लोग ऐसे होते हैं, जो मुश्किल समय में खुद से बातें करते हैं। वहीं कई बच्चे भी खुद से बातें करते हैं। लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि क्या खुद से कुछ कहकर खुद ही उसका उत्तर देना सामान्य है। अगर आपके मन में भी यह सवाल आता है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। शोधकर्ताओं की मानें, तो इंटेलिजेंस और बच्चों का खुद से बात करना दोनों का आपस में गहरा संबंध होता है। खुद से बात करना किसी भी बच्चे के भाषायी विकास में काफी योगदान करता है। साथ ही यह आदत बच्चे के व्यवहार को भी विकसित करता है। 

आत्मसंवाद कौशल
जो बच्चे खुद से संवाद करते हैं, तो बता दें कि इसके उन्हें कई लाभ मिलते हैं। यह बच्चे में आत्मसंवाद कौशल को विकसित करने का काम करता है। जो बच्चे में स्वतंत्रता और स्वाधीनता की भावना को विकसित करता है। साथ ही खुद से बात करने से बच्चे के सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है। वह अपनी परेशानियों व विपरीत परिस्थितियों को खुद से हल करना सीखते हैं। यह आदत भविष्य में मददगार साबित हो सकता है।

अभिव्यक्ति की क्षमता
खुद से बात करने वाले बच्चे अपने विचारों को सही तरीके से व्यक्त कर पाते हैं। साथ ही वह अपने विचारों को मन में बोलकर उसे सरल शब्दों में कहना सीखते हैं। वहीं वह स्वतंत्र तरीके से अपने विचारों को रखना भी सीखते हैं। किसी भी बच्चे का खुद से बात करना उनको एक मिलनसार व्यक्ति बनाता है। इसका अर्थ होता है कि भविष्य में बच्चा किसी भी व्यक्ति से बिना डरे आसानी से बात कर सकते हैं।

खुद पर कंट्रोल
जो बच्चे खुद से बातें करते हैं, उनका अपने आप पर कंट्रोल होता है। साथ ही वह विषय के विभिन्न पहलुओं को समझने में सहायता मिलती है और सोच को नई दिशा मिलती है। जब वह अपने विचारों और भावनाओं को स्वयं से साझा करते हैं, तो वह पहले खुद उस बात को समझने का प्रयास करते हैं। उसके बाद वह अन्य लोगों से अपनी बात कहते हैं। खुद से बात करना बच्चे को अपने लक्ष्यों को सही दिशा में रखने और प्रभावी रूप से उन लक्ष्यों को पाने के लिए काम करने में मदद करता है।