अगर आपके बच्चे को भी बुरे सपने सताते हैं तो अपनाएं ये टिप्स

By Ek Baat Bata | Sep 21, 2021

अक्सर छोटे बच्चे रात में सोते वक्त बुरे सपने देखकर उठ जाते हैं और रोने लगते हैं। वैसे तो छोटे बच्चों को बुरे सपने आना आम बात है लेकिन कभी-कभी इससे बच्चे बहुत ज़्यादा प्रभावित हो जाते हैं जिसके कारण माता-पिता को भी परेशानी होती है। आमतौर पर 2 से 13 साल तक के बच्चों को डरावने सपने ज्यादा आते हैं। बुरे सपने आने के कई कारण हो सकते हैं और अधिकांश मामलों में ये सपने उनकी असल ज़िंदगी की घटनाओं से ही प्रेरित होते हैं। कई बार बच्चे बुरे सपने से इतना ज़्यादा डर जाते हैं कि उन्हें दिन में भी अकेले रहने में डर लगता है। ऐसे में माता-पिता को इस समस्या से कैसे निपटना चाहिए? आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बच्चे को बुरे सपने आने के क्या कारण होते हैं और इससे कैसे निपटा जा सकता है -

बच्चे के बुरे सपने आने के कारण -
छोटे बच्चों को बुरे सपने आने के कई कारण हैं जैसे -  
कुछ बच्चों की कल्पनाशीलता काफी सक्रीय होती है। ऐसे बच्चे किसी भी चीज के बारे में बड़ा-चढ़ा कर सोच लेते हैं जिसकी वजह से उन्हें बुरे सपने आते हैं।

अगर बच्चे के साथ कोई दुर्घटना हुई है या उसने कोई दुर्घटना देखी है तो इसके कारण भी उसे बुरे सपने आ सकते हैं।

आजकल बच्चे टीवी पर डरवाने सीरियल या फ़िल्में देखते रहते हैं। ना पसंद करने लगते हैं। इस तरह के सीरियल या फिल्म बच्चे के मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। यह भूी बच्चों को डरावने सपने आने का एक मुख्य कारण हो सकता है।  

आजकल बड़े ही नहीं बच्चों को भी तनाव हो सकता है। अगर आपके बच्चे के मन में किसी प्रकार का तनाव या चिंता है तो इसके कारण भी उसे बुरे सपने आ सकते हैं। घर में माता-पिता के झगड़े, स्कूल में कोई झगड़ा, बच्चे को नए स्कूल में भेजना आदि बच्चे के तनाव का कारण हो सकते हैं।

कई बार नींद ना पूरी होने की वजह से भी बुरे सपने आ सकते हैं। 2 से 13 साल तक के बच्चे के लिए 9-12 घंटे की नींद जरूरी होती है। ऐसे में बच्चे की नींद पूरी ना होने पर वो थक थक जाते हैं जिससे उन्हें डरावने सपने आने लगे हैं।

बच्चे को बुरे सपने से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स -
अगर बच्चे ने कोई बुरा सपना देखा है और डर गया है तो उसके पास जाएं। बच्चे से इसका कारण पूछें और उसके साथ तब तक रहें जब तक कि वह दोबारा सो न जाए।

अगर बच्चा बुरा सपना देखने की वजह से डर गया है तो उसकी बात को सुनें। उससे पूछें कि उसने सपने में क्या देखा है और उसकी बात का मजाक ना उड़ाएं और ना ही नजरअंदाज करें। हो सकता है कि आपके बच्चे के मन में किसी बात कोलेकर डर या चिंता हो जिसकी वजह से उसे बुरे सपने आ रहे हों। ऐसे में अगर बच्चा आपसे खुल कर अपनी बात बता पाएगा तो उसका डर या चिंता खत्म हो जाएगी और उसे बुरे सपने से उबरने में मदद मिलेगी।  

अपने बच्चे को आश्वासन दें कि बुरे सपने असली दुनिया में उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। उसे प्यार से समझाएं कि वह सिर्फ एक बुरा सपना था और असलियत में ऐसा कुछ नहीं होगा। उससे कहें कि आप उसके साथ हैं और कोई बुरा सपना उसको नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।

अगर बच्चा बुरा सपना देखने की वजह से डर गया है तो उसे अपनी अपनी बाहों में भर लें और प्यार से उसकी पीठ थपथपाएं। आप उसे कोई लोरी सुना कर या कोई कहानी सुना कर सुलाने की कोशिश करें।

अगर आपके बच्चे को अक्सर बुरे सपने आते हैं तो उसके सोने के कमरे का दरवाजा खुला रखें और एक छोटा बल्ब जला रहने दें। इससे बच्चे को उजाला दिखेगा और इसे डर नहीं लगेगा।

अपने बच्चे को टीवी पर डरावने सीरियल या फिल्में ना देखने दें। आजकल बच्चे टीवी पर भूत-प्रेत वाले सीरियल या फिल्में देखते हैं जिससे उन्हें रात में बुरे सपने आते हैं। टीवी पर बच्चे को वही सीरियल या फ़िल्में देखने दें जिससे बच्चे के दिमाग पर सकारात्मक प्रभाव हो।