कुछ बच्चे छोटी उम्र में ही झूठ बोलने लगते हैं। कभी झूठ छोटा होता है, तो कभी बड़ा होता है। ऐसे में पेरेंट्स की यही कोशिश करती है कि उनका बच्चा झूठ न बोले और हमेशा सच का साथ दें। लेकिन माता-पिता की कुछ गलतियों के कारण बच्चा भी झूठ बोलने लगता है। ऐसे में यह समझने में मुश्किल आती है कि बच्चे की झूठ बोलने की आदत को कैसे छुड़वाया जाए और पेरेंट्स इस सिचुएशन से कैसे निपटें। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि बच्चे के झूठ बोलने की आदत को हमेशा के लिए कैसे छुड़ाया जा सकता है।
ऐसे छुड़ाएं बच्चे की झूठ बोलने की आदत
जब बच्चा 1-2 साल का होने लगता है, तो बातें बनाने लगता है। वहीं 3-4 साल तक के बच्चे में झूठ बोलने की आदत आने लगती है। वहीं कई बार डर के कारण बच्चा झूठ बोलता है कि कहीं सच बोलने पर उसको डांट न पड़े। वहीं अक्सर बच्चा अटेंशन पाने के लिए भी झूठ बोलता है। अपने माता-पिता को झूठ बोलते देख बच्चे में यह बुरी आदत लग जाती है। माता-पिता बच्चे के रोल मॉडल होते हैं। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे के सामने झूठ बोलने से बचना चाहिए।
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा झूठ बोलना बंद कर दे, तो आपको बच्चे के झूठ पर रिएक्ट करना छोड़ना होगा। अगर पेरेंट्स घर पर होते हुए किसी से फोन पर यह कहते हैं कि वह रास्ते में हैं, पहुंचने वाले हैं, तो बच्चा इन बातों को कैच करता है और फिर खुद भी झूठ बोलना सीखता है।
बच्चे के झूठ बोलने पर क्या करना चाहिए
अगर बच्चा आपके सामने झूठ बोल रहा है, तो आपको बच्चे से आराम से बात करना चाहिए। उनको समझाना चाहिए कि उनके झूठ बोलने पर आपको कैसा महसूस होता है।
पेरेंट्स को बच्चे को झूठा नहीं कहना चाहिए, या बार-बार उससे यह न कहें कि वह झूठ बोल रहा है। पेरेंट्स को अपने शब्दों का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए। आमतौर पर बच्चे से कहें कि वह आपसे सच बोलता है, लेकिन इस बार क्यों नहीं कह रहा है। ऐसी बातें बच्चे को सच बोलने के लिए मनाती हैं।
आप बच्चे को इस बात का एहसास दिलाएं कि अगर वह सच बोलता है, तो वह आपके साथ सेफ है। उसको झूठ बोलने की जरूरत नहीं है। साथ ही यह सोचकर डरने की भी जरूरत नहीं है कि उसके सच बोलने पर क्या होगा।