प्रेगनेंसी में खून की कमी से बढ़ सकती हैं मुश्किलें, माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक

By Ek Baat Bata | Jan 20, 2022

प्रेगनेंसी के दौरान एक गर्भवती महिला के शरीर को कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है। शरीर में इन तत्वों की कमी से प्रेगनेंट महिला और उसके शिशु के स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। प्रेगनेंसी में अधिकतर महिलाओं को एनीमिया यानि खून की कमी की शिकायत होती है। एनीमिया की समस्या में गर्भवती महिला के खून में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर गिरने से खून में आयरन की कमी हो जाती है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून की कमी के कारण गर्भवती महिला और होने वाले शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। प्रेगनेंसी के दौरान माँ में खून की कमी के कारण बच्चे की इम्युनिटी और उसके शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान माँ में खून की कमी होने से बच्चे पर क्या असर होता है -  
          
प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा 
यदि प्रेगनेंसी के दौरान माँ को एनीमिया की शिकायत हो तो इससे प्रीमैच्योर डिलीवरी होने की संभवना ज़्यादा रहती है। यदि गर्भवस्था के दौरान महिला को खून की कमी हो तो इससे होने वाला शिशु कमजोर पैदा होता है। 

बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर बुरा असर  
गर्भवस्था के दौरान माँ में खून की कमी हो तो इसका होने वाले शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव होता है। गर्भ में पल रहे शिशु के दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए सही विकास के लिए आयरन की जरुरत होती है। ऐसे में अगर माँ को एनीमिया हो तो इससे जन्म के समय शिशु में आयरन का कम स्तर रहता है जिससे उसका शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है।  

डिलीवरी के दौरान जटिलताएँ  
प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया होने से प्रसव से पहले दर्द उठने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इसके साथ ही एनीमिया के कारण प्रसव के दौरान कई तरह की जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे डिलीवरी के दौरान खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ सकती है।      
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स्टिलबर्थ का खतरा 
प्रेगनेंसी के दौरान माँ में खून की कमी से मृत शिशु के जन्म (स्टिलबर्थ) या नवजात शिशु की मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान एनीमिया की शिकायत होने से प्रसव से बाद गर्भवती को डिप्रेशन की समस्या हो सकती है, जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है।