कुछ महिलाओं को जुड़वा बच्चे होते हैं, जोकि एक सामान्य घटना है। लेकिन यह एक अद्भुत और दिलचस्प प्रक्रिया हैं। जुड़वा बच्चों का जन्म तब होता है, जब महिला गर्भधारण करती हैं और उनके गर्भ में एक साथ दो बच्चे विकसित होते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आखिर गर्भ में कैसे एकसाथ दो बच्चे पलने लगते हैं। इसके पीछे क्या साइंस है, इसको मेडिकल टर्म में मल्टिपल प्रेग्नेंसी कहते हैं। कुछ रिपोर्ट्स की मानें, तो दुनियाभर में करीब हर साल 1.6 मिलियन जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस महिला के ट्विंस बेबी ज्यादा होते हैं।
दो कारणों से होते हैं जुड़वा बच्चे
बता दें कि जब एक ही अंडाणु दो भागों में बंट जाता है। इससे आइडेंटिकल बच्चे कहते हैं। इनमें दोनों बच्चे जींस के मामले पूरी तरह से समान होते हैं। साथ ही अक्सर एक जैसे दिखाई देते हैं।
वहीं जब अलग-अलग दो अंडाणु और दो अलग-अलग स्पर्म साथ मिलते हैं, तो अलग-अलग जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। इनमें जींस के मामले में 50% तक समान हो सकते हैं। इस प्रोसेस में दोनों अंडाणु अलग-अलग गर्भाशय में फर्टिलाइजेशन से होते हैं।
किन महिलाओं में होते हैं जुड़वा बच्चे होने की संभावना
अगर किसी महिला के परिवार में जुड़वां बच्चे पैदा होने का इतिहास रहा है। तो उस महिला को भी जुड़वा बच्चे हो सकते हैं।
30-40 साल के बीच की महिलाएं खासतौर पर वह महिलाएं जो पहली बार गर्भधारण करती हैं। उनमें भी जुड़वां बच्चे होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं।
जो महिलाएं लंबी और अधिक वजन होता है। उनमें भी जुड़वां बच्चे होने की संभावना होती है।
IVF या अन्य फर्टिलिटी ट्रिटमेंट्स की सहायता से प्रेग्नेंट होने पर भी महिलाओं के जुड़वा बच्चे होने की संभावनाएं अधिक होती हैं।
जानिए ट्विंस बेबी होने के संकेत
अधिक मॉर्निंग सिकनेस महसूस करना।
नॉर्मल से अधिक वेट गेन होना।
अधिक भूख लगना भी जुड़वा बच्चे होने के चांस रहते हैं।
भ्रूण का अधिक घूमना, यह सभी महिलाओं को महसूस नहीं होता है।
बार-बार यूरिन आना भी संकेत होता है।