इस आसान विधि से नवरात्रि में घर पर ही करें माता का पूजन, जानें कैसे करें घटस्थापना?

By Ek Baat Bata | Apr 12, 2021

कल से नवरात्रि पर्व का शुभारंभ हो रहा है। नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से विशेष लाभ होता है। नवरात्रि में नौ दिनों तक माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा धूम-धाम से की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल (मंगलवार) से शुरू हो रही है। नवरात्रि शुरू होने से पहले ही माता के आगमन की तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना के साथ ही माँ दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ-साथ सुबह-शाम माता का पूजन किया जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना, माता के  श्रृंगार और प्रसाद के लिए कई सारी सामग्रियाँ चाहिए होती हैं। इन दिनों देशभर में कोरोना संक्रमण फिर से बहुत तेज़ी से फैल रहा है। इसलिए बेहतर होगा कि मंदिर में न जाएं और घर पर ही पूजा करें। आज के इस लेख में हम आपको घर में माता की पूजा और घटस्थापना की आसान विधि बताने जा रहे हैं - 

नवरात्रि पूजन की विधि
नवरात्रि के पहले दिन यानी कि प्रतिपदा को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा-स्थल को साफ करके सबसे पहले गणेश जी का नाम लें। इसके बाद माँ दुर्गा का स्मरण करते हुए उनके नाम से अखंड ज्योति जलाएं। एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर माता की प्रतिमा को स्थापित करें। अब माता की प्रतिमा को तिलक लगाएं और धूप जलाएं। अब माता को चंदन, अक्षत, कुमकुम तथा फूल अर्पित करें। माता को घर पर बना शुद्ध प्रसाद और फल भी चढ़ाएं। दुर्गा चालीसा का पाठ करें और माता की आरती उतारें। अंत में माता को भोग लगाएं और प्रसाद घर में सभी को बाँटें और खुद भी खाएं।  

कलश स्थापना की विधि 
कलश स्थापना के लिए एक मिट्टी का पात्र लें और उसमें मिट्टी बिछाएं। फिर पात्र में रखी मिट्टी में जौ के बीज बोएं। इसके बाद इसमें कुछ बूँदें पानी की डालें। इसके बाद एक कलश लें और उस पर रोली से स्वास्तिक बनाएं। कलश के ऊपरी हिस्से में मौली या कलावा बांधें। इसके बाद कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं। फिर उसमें फूल, दूब, सुपारी, इत्र, सिक्का और अक्षत् डालें। इसके बाद कलश के मुँह के चारों ओर अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं। अब कलश के ऊपर ढक्कन या कटोरी में चावल डालकर रखें। इसके बाद एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उस पर कलावा बाँधें और उस पर कुमकुम से तिलक लगाएं। फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें। इसके बाद आपने जिस मिट्टी के पात्र में जौ बोए हैं, उसके बीचों-बीच इस कलश को रख दें।